खास बातें
- दिल्ली में मेडिकल स्टाफ की कमी
- केजरीवाल सरकार ने की ये तैयारी
- दिल्ली में तेजी से फैल रहा कोरोना
नई दिल्ली:
दिल्ली (Delhi) में हाल के दिनों में कोरोनावायरस (Coronavirus) के बढ़ते मामलों के कारण आईसीयू बेड और इससे जुड़ी मेडिकल व्यवस्था की मांग बढ़ी है. इसे देखते हुए आईसीयू इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने का निर्देश दिया गया है. इसे लेकर हुई बैठक में आईसीयू में काम करने वाले लोगों की कमी की बात सामने आई. इसके मद्देनजर फैसला हुआ कि दिल्ली के सभी पीजी मेडिकल इंस्टीट्यूट के एमडी/एमएस/डीएनबी ग्रेजुएट डॉक्टर तत्काल प्रभाव से अगले 6 महीने के लिए कोरोना अस्पतालों में काम करेंगे.
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इसी तरह, पीजी नर्सिंग और अंडर ग्रेजुएट नर्सिंग स्टूडेंट्स अगले 6 महीने के लिए कोरोना अस्पतालों में आईसीयू डयूटी में लगाए जाएंगे. दिल्ली के ज्यादातर मेडिकल इंस्टिट्यूट गुरु गोबिंद सिंह आईपी यूनिवर्सिटी से एफिलिएटेड हैं. इसके वीसी डॉक्टर महेश वर्मा को इन सभी स्टूडेंट्स की पर्याप्त संख्या मुहैया कराने की जिम्मेदारी दी गई है. इन्हें क्या भुगतान किया जाए, इसे भी डॉक्टर महेश वर्मा को ही तय करना है. डॉक्टर वर्मा स्वास्थ्य विभाग के मुख्य सचिव के साथ मिलकर अगले चार दिनों में यह काम पूरा करेंगे.
बता दें कि आज (शनिवार) हुई दिल्ली स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (SDMA) की बैठक में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एलजी अनिल बैजल के आदेश का पुरजोर विरोध किया. उपराज्यपाल अनिल बैजल ने आदेश दिया है कि अब दिल्ली में कोई भी कोरोना पॉजिटिव होगा तो उसको कम से कम पांच दिन क्वारंटाइन सेंटर में रहना जरूरी होगा. केजरीवाल ने कहा कि जब ICMR पूरे देश में बिना लक्षण और हल्के लक्षण वाले कोरोना मरीजों को होम आइसोलेशन की इजाजत देता है, तो दिल्ली में अलग नियम क्यों लागू किए जा रहे हैं. केजरीवाल के विरोध के चलते फिलहाल बैठक बीच में ही रोकनी पड़ी. अब शाम 5 बजे फिर से बैठक होगी.
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