Edited By Garima Singh | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated:
किसी भी बात पर जब हमें बहुत तेज गुस्सा आ रहा होता है तब हम अपने मन की साड़ी भड़ास उस इंसान पर निकाल देना चाहते हैं, जिसके कारण हमारा मूड खराब हुआ होता है। जब ऐसा करना हमारे वश में होता है, तब तो हम ऐसा कर लेते हैं। लेकिन जब स्थिति हमारी पहुंच से बाहर होती है तो गुस्सा हमें अंदर ही अंदर परेशान करता रहता है। इस स्थिति से बचने के लिए क्या करना चाहिए ताकि हमारा अपना खून ना फूंके, यहां जानिए…
गुस्सा कंट्रोल ना कर पाने की स्थिति
-हम सभी को गुस्सा आता है। किसी को जल्दी आता है तो कोई छोटी-मोटी बातों को अनदेखा कर देता है। लेकिन व्यक्ति कितना भी सहनशील क्यों ना हो, कई बार उसे ऐसी स्थितियों का सामना करना पड़ता है, जब अपने गुस्से पर काबू करना मुश्किल होता है।
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-ऐसी स्थिति में यदि हम उस इंसान पर अपना गुस्सा नहीं निकाल पाते जिसके कारण हमारे मूड का कबाड़ा हुआ है तो हम अंदर ही अंदर घुटन महसूस करते रहते हैं। इससे हमारा फोकस दूसरे कामों पर भी नहीं बन पाता है। इसलिए जरूरी होता है कि हम अपने मन को हल्का करें।
जब गुस्सा सता रहा हो अंदर ही अंदर
-अपना गुस्सा निकालने का पहला तरीका
-अब बात आती है कि गुस्सा निकालना कैसे है। तो ऐसा कीजिए कि घर में ड्रेसिंग टेबल के सामने खड़े होइए और कांच में देखते हुए वो सब कह डालिए, जो आप उस व्यक्ति को उसके मुंह पर कहना चाहते हैं… जितना बोलना है और जैसा बोलना है…सब बोल डालिए। कुल मिलाकर भड़ास निकाल लीजिए…
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-जब गुस्सा करते-करते थक जाएं तो एक गिलास ठंडा पानी पीजिए और फिर शांत होकर कुछ देर के लिए लेट जाइए। गहरी सांस लीजिए और मन को बांधने का प्रयास मत कीजिए। फिर 10 से 15 मिनट बाद जब आप उठेंगे तो खुद को बहुत लाइट और फ्रेश फील करेंगे।
गुस्सा उतारने का दूसरा तरीका
-जब हमें बहुत तेज गुस्सा आ रहा होता है और स्थितियां किसी भी तरीके से हमारे वश में नहीं होती हैं तो दिल और दिमाग को हल्का करने के लिए जरूरी होता है कि हम कुछ देर के लिए रो लें… जी हां, जानकर आपको थोड़ा अजीब लग सकता है लेकिन यह सच है कि मानसिक तनाव और दिल का भारीपन रोकर भी हल्का किया जा सकता है।
रोने के बाद बहुत लाइट होता है
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-जब हम खुलकर हंसने की तरह ही, जीभरकर रो लेते हैं तो हमारे अंदर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
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-दिमाग की नसों में हल्कापन महसूस होता है और हम खुद को बहुत लाइट फील करते हैं। इसके बाद यदि कुछ देर आंखें बंद करके डीप ब्रीदिंग की जाए या कुछ समय अकेले बिताया जाए तो हम खुद को रीचार्ज फील करते हैं।
-ऐसे में पूरे मन और ऊर्जा के साथ नए तरीके से नया काम शुरू करना आसान हो जाता है। पुराने दर्द को हल्का करने और फिर धीरे-धीरे करके उस दर्द से बाहर आने में सहायता मिलती है।
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