नई दिल्ली: ह्यूमन राइट्स वॉच की एक रिपोर्ट ने खुलासा किया है कि 30 देशों ने स्वायत्त हथियारों जिन्हें ‘किलर रोबोट’ कहा जाता है, इन पर पूरी तरह से बैन लगाने की बात कही है. इन देशों की मांग हैं कि इन पर प्रतिबंध लगाया जाए. ये हथियार बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के बड़े पैमाने पर इंसानों को मारने में सक्षम होंगे.
ह्यूमन राइट्स वॉच की तरफ से ये रिपोर्ट सोमवार को जारी की गई थी और ये उन 97 देशों की नीतियों की समीक्षा पर आधारित थी, जिन्होंने सार्वजनिक रूप से ऐसे हथियारों के बारे में माना है. ये मुद्दा पहली बार 2013 में ह्यूमन राइट्स काउंसिल में उठाया गया था.
‘स्टॉपिंग किलर रोबोट्स: कंट्री पोजीशंस ऑन बैनिंग फुली ऑटोनोमस वीपन्स एंड रिटेनिंग ह्यूमन कंट्रोल’ (Stopping Killer Robots: Country Positions on Banning Fully Autonomous Weapons and Retaining Human Control) टाइटल वाली इस रिपोर्ट के मुताबिक, ज्यादा से ज्यादा देश औपचारिक रूप से घातक स्वायत्त हथियार प्रणाली की कैटेगरी में रखे गए हैं. ये देश इन ‘किलर रोबोट्स’ पर प्रतिबंध चाहते हैं.
2013 से एचआरडब्ल्यू सहित 161 गैर-सरकारी संगठन एकजुट होकर 2003 से ऐसे हथियारों पर प्रतिबंध की मांग करते आ रहे हैं. एचआरडब्ल्यू ने कहा कि, ‘जो हथियार प्रणाली बिना सार्थक मानवीय नियंत्रण के अपना लक्ष्य चुनती है और उस तरफ कदम बढ़ाती है, वो अस्वीकार्य है और इसे फौरन रोकने की जरुरत है’.
‘कैम्पेन टू स्टॉप किलर रोबोट्स’ की संयोजिका मैरी वेयरहैम का कहना है, ‘फोर्स के इस्तेमाल से मानव नियंत्रण को हटाना व्यापक रूप से पूरी मानवता के लिए क्लाइमेट चेंज जैसा गंभीर खतरा माना जाता है, तत्काल कई मोर्चों पर कार्रवाई की आवश्यकता है’.
वह आगे कहती हैं, ‘इतने खतरनाक और स्वायत्त हथियारों पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक इंटरनेशनल समझौते की आवश्यकता है.’
ह्यूमन राइट्स वॉच की तरफ से कहा गया है, ‘हर देश का ये कर्तव्य है कि वो ऐसे खतरनाक स्वायत्त हथियारों पर प्रतिबंध लगाकर इस खतरनाक कदम से मानवता को सुरक्षित रखे. फोर्स के उपयोग पर सार्थक मानवीय नियंत्रण को बनाए रखना एक नैतिक अनिवार्यता, कानूनी आवश्यकता और एक नैतिक दायित्व भी है.’
बहुत सारे देश इन हथियारों पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं. इनमें शामिल हैं- अल्जीरिया, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रिया, बोलविया, ब्राजील, चिली, चीन (केवल उनके इस्तेमाल पर), कोलम्बिया, कोस्टारिका, क्यूबा, इक्वाडोर, अल सल्वाडोर, इजिप्ट, घाना, ग्वाटेमाला, द होली सी, इराक, जॉर्डन, मैक्सिको, मोरक्को, नामीबिया, निकारागुआ, पाकिस्तान, पनामा, पेरू, द स्टेट ऑफ फिलीस्तीन, उगांडा, वेनेजुएला और जिम्बाब्वे.
रूस और अमेरिका जैसी सैन्य महाशक्तियों ने ऐसे हथियारों पर प्रतिबंध लगाने की दिशा में प्रगति को रोक दिया है. ऐसे ही समय में दोनों ही देशों ने भूमि, पानी और हवा के लिए स्वायत्त हथियार प्रणाली विकसित करने के अलावा सैन्य उद्देश्यों के लिए आर्टीफीशियल इंटेलीजेंस में निवेश बढ़ा दिया है.
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