अपनी नाकामी पर पर्दा डाल लूटा श्रेय
कलेक्टर बंगले के पीछे पॉश एरिया से मासूम अभिन्न तिवारी अपहरणकांड
धीरज चतुर्वेदी, छतरपुर
बुधवार की दोपहर छतरपुर शहर मे कलेक्टर बँगले के पीछे से चौबे कॉलोनी पॉश एरिया से प्रॉपर्टी डीलर भास्कर तिवारी के 6 साल के पुत्र अभिन्न के अपहरण ने पुलिस कि सक्रियता कि पोल खोल रख दी है। बच्चा फिरौती बाद सकुशल छोड़ा गया पर पुलिस कि कहानी स्वतः ही गढ़ी हुई लगती है।
छतरपुर जिला मुख्यालय से सटे ग्राम निवारी के ग्रामीणों ने चौकाने वाला खुलासा किया कि बदमाशों को पकड़ उनके पास से फिरौती मे दिये गये जेवहरात उनके द्वारा पुलिस के सुपर्द किये गये। गांव के माधव मिश्रा ने बदमाश युवकों को पकड़ने के फोटो भी सोशल मीडिया पर वायरल किये है।
सागर रेंज के आईजी अनिल शर्मा ने गुरुवार को पत्रकार वार्ता के जरिये इस अपहरणकांड का खुलासा करते बताया कि 19 अगस्त को अभिन्न तिवारी के अपहरण के बाद से पुलिस ने बदमाशों को दबोचने कार्यवाही शुरू कर दी थी। मुख्य साजिशकर्ता चगन सेन को हिरासत मे लेकर पूछताछ शुरू की। जो तिवारी परिवार का सेवादार रहा है।
इसी तरह ड्राइवर नीरज राय को भी कब्जे मे लिया गया। जिनसे पूछताछ कि कड़ियों को जोड़ते हुए पुलिस दवाब के कारण बच्चे को बदमाशों से मुक्त कराने मे सफलता हासिल हुई। फिरौती के बारे मे पुलिस अधिकारियो ने कोई साफगोई बयान नहीं दिया। यह जरूर स्वीकारा कि ग्रामीणों कि मदद से अपहरणकर्ताओ को पुलिस ने गिरफ्तार किया। कुल मिलाकर पुलिस ने कहानी भी बनाई पर कुछ भी स्पष्ट नहीं किया। बस पुलिस कि शौर्य गाथा गाई गई।
पुलिस कि रचना चाहे जो हो पर इस बात के सबूत सामने आ गये थे कि बच्चे को मुक्त कराने के लिये बदमाशों को फिरौती दी गई थी। यह चौकाने वाला राज सोशल मीडिया के माध्यम से तब खुला जब छतरपुर जिला मुख्यालय के नजदीकी ग्राम खोप के सरपंच पुत्र माधव मिश्रा ने अपरहणकर्ताओ को पकडने का दावा करते फोटो वायरल कर दी। रहस्य सामने आया कि गुरुवार कि सुबह माधव मिश्रा ने अन्य ग्रामीण साथियो के साथ तालाब के किनारे खाली नाव मे आराम कर रहे एक युवक संजू पटेल को धरदबोचा। जिसकी मरम्मत के बाद गांव के ही किशन अहिरवार को ग्रामीणों ने पकड़ लिया। किशन अहिरवार ने फिरौती मे मिले जेवहरात को एक मटकी मे बंद कर जमीन मे गाड़ दिया था। ग्रामीणों पुलिस को सूचना देकर दो अपहरण कर्ताओ और मटकी मे रखे ज़ेवर पुलिस को सौंप दिये।
अब असलियत सामने आ चुकी थी जो पुलिस कि बदनामी का कारण थी। इस कारण आनन फानन मे बच्चे कि सकुशल वापसी को सफलता दर्शाते हुए पुलिस अधिकारियो ने पत्रकारों के बीच खुलासा किया। पुलिस यह हकीकत क्यो स्वीकार नहीं करती कि पूरा ढांचा ध्वस्त हो चुका है। अपराधियों मे खाकी का खौफ नहीं होने का नतीजा है कि कलेक्टर बँगले के ठीक पीछे पॉश इलाके से एक बच्चे का दिनदहाड़े अपहरण कर लिया जाता है। सनद रहे कि छतरपुर शहर सहित हर गांव मे अवैध शराब का धंधा फैला हुआ है। पिछले दिनों सोशल मीडिया पर छतरपुर शहर मे खुले आम बिकती शराब के वीडियो वायरल हुए। एक वीडियो मे तो नाबालिग सी लड़की अपने घर से शराब बेचती दिख रही थी। वीडियो वायरल हुए पर अवैध कारोबार पर किसी तरह के एक्शन मोड़ मे पुलिस नहीं दिखी।
छतरपुर शहर मे अन्य जानलेवा मादक प्रदार्थ भी युवाओं को बर्बाद कर रहे है। जो अपराध के जनक माने जा रहे है। बच्चे के अपहरण मे भी संलिप्त सभी अपराधी युवा है जो नशेलची बताये जाते है। जो भी हो अपहृत बच्चा जरूर सुरक्षित अपने घर लौटा पर पुलिस कि कहानी को सवालिया कर गया। जिन ग्रामीणों ने फिरौती के ज़ेवर को पुलिस को सौंपा और दो बदमाशों को पकड़ पुलिस के सुपर्द किया वह बेहद निराश है कि उनकी थाली का भोजन पुलिस चट कर गई।