- बिना हस्ताक्षर दाखिल की गई याचिका
- 31 जनवरी को जल्दी में याचिका दाखिल
निर्भया के दोषी अक्षय ने फांसी से बचने के लिए नई चाल चली है. अक्षय के वकील एपी सिंह के मुताबिक, अक्षय ने 1 फरवरी को राष्ट्रपति को पत्र लिखकर कहा था कि अक्षय की दया याचिका बिना उसके हस्ताक्षर के राष्ट्रपति के समक्ष दाखिल की गई. लिहाजा दया याचिका पर संज्ञान नहीं लिया जाए.
अक्षय के वकील एपी सिंह के मुताबिक, राष्ट्रपति भवन में पावती की मुहर के साथ संलग्न पत्र में कहा गया है कि 31 जनवरी को दाखिल दया याचिका पर अक्षय के हस्ताक्षर या अंगूठे के निशान नहीं हैं. न ही याचिका तिहाड़ जेल प्रशासन से प्रमाणित है. साथ ही याचिका दोषी की आर्थिक स्थिति और केस की पूरी जानकारी के बिना जल्दबाजी में दायर हुई थी.
ये भी पढ़ें: निर्भया केस: अब फांसी दूर नहीं, राष्ट्रपति ने खारिज की दोषी अक्षय की दया याचिका
वहीं, इस मामले में दिल्ली सरकार ने पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दाखिल करके डेथ वारंट जारी करने की मांग की है. तिहाड़ जेल प्रसाशन ने पटियाला हाउस कोर्ट में अर्जी दाखिल कर चारों दोषियों के खिलाफ फ्रेश डेथ वारंट जारी करने की मांग की है. तिहाड़ जेल प्रसाशन ने अपनी अर्जी में कहा कि अक्षय, मुकेश और विनय की दया याचिका राष्ट्रपति ने खारिज कर दी है.
तिहाड़ जेल प्रशासन ने दलील दी कि अभी किसी भी फोरम में किसी भी दोषी की कोई याचिका लंबित नहीं है, लिहाजा नया डेथ वारंट जारी किया जाए.
ये भी पढ़ें: निर्भया केस: अलग-अलग फांसी से HC का इनकार, केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती