भोपाल, ब्यूरो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा के बाद, आज राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर जवाब दिया। मोदी के भाषण शुरू होने से पहले ही विपक्ष ने नारेबाजी शुरू कर दी। मोदी ने बोलना जारी रखा। उन्होंने कांग्रेस तंज कसा- किसी कार्यक्रम में अगर नेहरूजी के नाम का उल्लेख नहीं हुआ तो कुछ लोगों के बाल खड़े हो जाते थे। लहू गर्म हो जाता था। PM ने कहा- मुझे ये समझ नहीं आता कि उनकी पीढ़ी का कोई व्यक्ति नेहरू सरनेम रखने से डरता क्यों है। क्या शर्मिंदगी है नेहरू सरनेम रखने में। इतना बड़ा महान व्यक्ति आपको और आपके परिवार को मंजूर नहीं है और आप हमारा हिसाब मांगते हो। मोदी ने कहा- देश की आर्थिक सेहत के लिए राज्यों को भी अनुशासित होना होगा। तभी राज्य भी विकास की यात्रा का लाभ ले सकेंगे। जिनकी दो वक्त की रोटी का सपना था, उस पर आपने ध्यान नहीं दिया। सामाजिक न्याय आपने नहीं देखा, हमने देखा। अवसरों को उपलब्ध कराने के लिए हमने कदम उठाए। आजाद भारत के सपने पूरे करने के लिए हम संकल्प बद्ध होकर चले। देश देख रहा है कि एक अकेला कितनों पर भारी पड़ रहा है। अरे नारे बोलने के लिए भी उनको लोग बदलने पड़ रहे हैं। अकेले घंटेभर से बोल रहा हूं रुका नहीं। उनके अंदर हौसला नहीं है, वो बचने का रास्ता ढूंढ रहे हैं। कुछ लोगों को समझना होगा कि सदियों पुराना देश आम आदमी के पसीने, पीढ़ियों से चली आ रही परंपराओं का देश है। किसी परिवार की जागीर नहीं है। हमने खेल रत्न ध्यानचंद के नाम पर कर दिया। अंडमान के द्वीपों का नाम सुभाष चंद्र बोस, परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर कर दिया। हिमालय की चोटी एवरेस्ट कर दी गई। हमने द्वीपों का नाम परमवीर चक्र विजेताओं के नाम कर दिया।