रिपोर्ट : रामकुमार नायक
महासमुंद. कहते है कि जिस कार्य को करने के लिए इंसान का मन रम जाता है तो वह उसी कार्य को करने में अपनी खुशी महसूस करता है. वही इंसान की रूचि बन जाती है. ऐसा ही मामला देखने को मिला है महासमुंद जिले के सरायपाली में अग्रसेन चौक स्थित कुछ स्थानीय दुकानदार 1993 से कबूतरों के लिए दाना-पानी की व्यवस्था कर रहे. प्रतिदिन लगभग 15 से 20 किलो गेहूं का दाना और लगभग 5 से 10 लीटर पानी की व्यवस्था स्थानीय दुकानदारों के द्वारा स्वयं के पैसे से सेवा भाव से किया जा रहा है. सुबह होते ही कबूतरों का झुंड सरायपाली के अग्रसेन चौक पर देखने मिल जाता है.
गणपति वॉच दुकान के संचालक पवन अग्रवाल ने कहा की बचपन से ही पशु-पक्षियों से लगाव था. वह वर्ष 1993 से दाना डाल रहे है, अग्रवाल ने आगे कहा कि पशु-पक्षियों की सेवा करना अच्छी बात है. हमारे द्वारा कबूतरों के लिए दाना-पानी की व्यवस्था की जा रही है. गाय को पानी पिलाने के लिए दुकान के बाहर टब में पानी भी रखा जाता है
लोगों में अभी भी है जागरूकता की कमी
सरायपाली के अग्रसेन चौक पर दुकान संचालित करने वाले प्रकाश ने बताया कि कबूतर यहां 20-22 साल से आ रहे है. 15 से 20 किलो गेहूं प्रति दिन कबूतरों के लिए डाला जाता है और धार्मिक भाव से सेवा करते है.गर्मी का मौसम शुरू हो गया है. बेजुबान पशु-पक्षियों के लिए पीने के लिए पानी की जरूरत बढ़ने लगी है. वहीं पशु-पक्षियों के लिए लोगों में अब भी जागरूकता की कमी है. लोगों को अपने छतों पर पानी से भरे बर्तन रखना चाहिए. जिससे बेजुबान पक्षी अपनी प्यास बुझा सके.
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Tags: Chhattisgarh news, Mahasamund News
FIRST PUBLISHED : March 17, 2023, 23:54 IST
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