भोपाल। हम चैन से सो पाते हैं, क्योंकि किसी थाने, चौक-चौराहे में पुलिस जाग रही होती है। पुलिस की नौकरी आसान नहीं होती। जवानों को 24 घंटे सतर्क रहना पड़ता है। जनता की सुरक्षा करनी हो या यातायात व्यवस्था संभालनी हो? यह पुलिस के कर्त्तव्य में शामिल होता है। पुलिस भी अपने कर्त्तव्य को पूरी जिम्मेदारी के साथ निर्वहन करती है। पुलिसिंग जैसी व्यस्ततम नौकरी के बीच परिवार के लिए समय निकालना किसी किसी चुनौती से कम नहीं होता।
एक ऐसी ही तस्वीर मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से आई है। एक पुलिस अधिकारी अपने बेटे को पढ़ाते हुए दिखाई दे रहा है। पुलिस अधिकारी का नाम देव नारायण पांडेय है और वे भोपाल ट्रैफिक पुलिस में सूबेदार के पद पर कार्यरत हैं।
गुरूवार दोपहर को देवनारायण पांडये और उनके बेटे की एक तस्वीर तेजी से वायरल हुई, जिसमें वे अपने बेटे को समय देते हुए नजर आ रहे हैं। नवभारत टाइम्स डॉट कॉम से बातचीत करते हुए देवनारायण पांडेय ने बताया कि मेरे बेटे का नाम अर्थव है और वह श्यामला हिल्स स्थित रीजनल स्कूल में दूसरी कक्षा में पढ़ाई करता है। इसी क्षेत्र में मेरी भी ड्यूटी रहती है। मैं अपने बेटे को लेकर सुबह 9 बजे घर से निकलता हूं, उसे स्कूल छोड़ने के बाद ड्यूटी शुरू कर देता हूं। दोपहर में दो बजे उसका स्कूल छूट जाता है, तब मैं दोपहर के भोजन के लिए घर जाता हूं तो उसे साथ ले जाता हूं।
देवनारायण ने बताया कि आज ही बेटे के स्कूल का नया सत्र शुरू हुआ है, इसलिए स्कूल जल्दी छूट गया था। वह मेरे पास आकर बैठ गया, इसी दौरान मैंने उसकी कॉपी किताबों में देखा कि स्कूल में उसकी क्या एक्टिविटी रही। सूबेदार देवनारायण पांडेय ने आगे कहा कि मैं अपने बेटे को कुछ समझा रहा था, शायद इसी दौरान किसी ने यह तस्वीर ली होगी।
देवनारायण ने कहा कि पुलिसिंग की नौकरी करते हुए भोपाल की यातायात व्यवस्था संभालना मेरा परम कर्त्तव्य है। अपने अधिकारियों के मार्गदर्शन में, मैं यह काम बखूबी कर रहा हूं। अपने परिवार के लिए समय निकालना मुश्किल होता है, लेकिन किसी तरह परिवार का ध्यान भी रख लेता हूं, क्योंकि परिवार का ध्यान रखना भी हमारा ही कर्त्तव्य है।