भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज एमपी के शहडोल के लालपुर आ रहे हैं। वे राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन 2047 एवं 1 करोड़ आयुष्मान भारत कार्ड के वितरण का शुभारंभ करेंगे। 1 हफ्ते के भीतर उनका मध्य प्रदेश का दूसरा दौरा है और तीन महीनों में यह उनकी तीसरी मध्य। प्रदेश यात्रा है। अप्रैल महीने में भोपाल रीवा आ चुके हैं जबकि 3 दिन पहले ही उन्होंने भोपाल किए कार्यक्रम में शामिल हुए थे। कल होने वाले कार्यक्रम में वे रानी दुर्गावती गौरव यात्रा का समापन करेंगे। रानी दुर्गावती गौरव यात्रा बालाघाट, छिंदवाड़ा, दमोह के सिंग्रामपुर, उत्तर प्रदेश के कलिंजर फोर्ट, सीधी के धौहनी से 22 जून को शुरू हुई है। बालाघाट से होती हुई ये यात्रा बेहर, डिंडोरी, बिछिया, अनूपपुर, पुष्पराजगढ़ होते हुए शहडोल पहुंची है। अब 1 जुलाई को प्रधानमंत्री इन यात्राओं का समापन करेंगे। इस सभा के माध्यम से आदिवासियों को साधने की कोशिश की जा रही है। दरअसल, यह सारी कवायद मध्य प्रदेश के करीब डेढ़ करोड़ आदिवासी आबादी को साधाने के लिए शुरु की गई है। मध्य प्रदेश की आबादी में करीब 17 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति और 20 प्रतिशत अनुसूचित जाति है। राज्य विधानसभा की कुल 230 सीटों में 47 एसटी सीटें और 35 एससी आरक्षित सीटें हैं। क्योंकि शहडोल संभाग अनुसूचित जनजाति बहुल क्षेत्र है। इसलिए भाजपा यहां अपनी पैठ बनाना चाहती है। वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 47 में से 37 जमजतीय सीटों पर कब्जा जमाया था और लगातार तीसरी बार मध्य प्रदेश की सत्ता हासिल की थी। हालांकि 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 31 सीटों पर जीत मिली थी, जबकि भाजपा 16 सीटों पर सिमटकर भाजपा ने मध्य प्रदेश अपने हाथ से गंवा दिया था। चुनाव में भाजपा को 41.02 प्रतिशत वोट के साथ 109 सीटें मिली थी, जबकि कांग्रेस को 40.89 प्रतिशत वोट के साथ 114 सीटें मिली थी। साफ है कि इस चुनाव में जनजातीय वोट कब मिलने के कारण भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि डेढ़ साल बाद जोड़-तोड़ करके भाजपा ने दोबारा सरकार बना लिया था। अब भाजपा नहीं चाहती कि साल 2030 के विधानसभा चुनाव में जनजातीय वोट बैंक कम हो इसीलिए प्रधानमंत्री बार-बार अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति बहुल क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं।