छतरपुर जिले के बिजावर क्षेत्र स्थित जटाशंकर धाम में बुधवार को तेंदुए की मौत हो गई। सुबह 9 बजे जानकारी लगते ही वन विभाग की टीम जटाशंकर धाम पहुंची। मुनि कुंड के आगे सीढ़ीयों और पहाड़ के बीच में बहने वाले नाले के पास एक तेंदुआ पेड़ के नीचे पड़ा मिला। जिसके शरीर में लंबे समय से हलचल नहीं हो रही है। मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने तेंदुए के शरीर की जांच कर मृत होने की पुष्टि करते हुए वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना दी। इसके बाद पन्ना नेशनल पार्क के डॉक्टर को पोस्टमार्टम के लिए और डॉग स्क्वाय के लिए कॉल किया गया। शाम 5 बजे डॉग स्क्वाय की टीम तो मौके पर पहुंच गई। लेकिन डॉक्टर नहीं पहुंचे। इस दौरान क्षेत्रीय वन अमला मौके पर तैनात रहा। गौरा आई घाटी की तलहटी में एक तेंदुआ परिवार के होने की खबरें लंबे समय से मिल रही थी। यह तेंदुआ सिर्फ गर्मियों में दिखाई देता है। इसके चलते संभावना थी कि इस घने जंगल में बाकी मौसम में उसे शिकार और पानी मिलता है। गर्मियों में पानी की कमी के चलते वह बाहर निकलता है। इस बार पेयजल संकट होने के चलते उसका मूवमेंट जटाशंकर धाम में ऊपर से बहने वाले पानी के नाले की ओर हो गया। दो सप्ताह पहले इसकी जानकारी वन विभाग को मिली थी। उस समय वन अमले ने मौके पर जाकर खोजबीन की, तो पता चला कि एक तेंदुआ और उसके साथ दो शावक एक चट्टान के पीछे हैं। अब बुधवार को इस तेंदुए की मौत से हड़कंप मच गया।