छतरपुर। 9 दिवसीय बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री की पैदल यात्रा तीसरे दिन नौगांव पहुंची। जैसा कि महाराजश्री का उद्देश्य है कि पिछड़ों और बिछड़ों को गले लगाकर आपसी भेदभाव मिटाना है। पिछड़े और बिछड़े लोग जैसे ही महाराजश्री से मिलते हैं वैसे ही उनके आंसू छलकने लगते हैं। इस यात्रा में अपार जनसमूह चलकर सनातन हिन्दू एकता यात्रा को बल दे रहा है।बागेश्वर महाराज की तीसरे दिन की पैदल यात्रा पेप्टेक टाउन से शुरू हुई। रोज की तरह पहले राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया इसके बाद राष्ट्रगान हुआ। राष्ट्रगान के बाद हनुमान चालीसा का पाठ किया गया। महाराजश्री ने तीसरे दिन की यात्रा शुरू की। रास्ते में बागेश्वर महाराज यात्रा में चल रहे लोगों का उत्साह बढ़ाया। रूक-रूककर महाराजश्री यात्रा में चलने वाले लोगों तथा ग्रामीणों से भेंट करते जा रहे हैं। जाति-पाति का भेद मिटे इसलिए वे सबको जोडऩे के लिए निकले हैं। ग्राम सहानियां में एक आदिवासी बुजुर्ग जब महाराजश्री से मिला तो उसके आंसू छलकने लगे। ऐसे सैकड़ों लोग हैं जो महाराजश्री से मिलकर द्रवित हो रहे हैं। शायद उनके आंसू यही संदेश दे रहे हैं कि महाराजश्री हम जिस लायक हैं हम आपके साथ हैं। जिस तरह से समुद्र बांधने में एक गिलहरी ने अपनी भूमिका निभायी थी उसी तरह गांव-गांव के लोग अपनी गिलहरी की भूमिका निभा रहे हैं। रास्ते में पूर्व विधायक आलोक चतुर्वेदी पज्जन, नीरज दीक्षित चलते रहे। वहीं झांसी विधायक अनुराग शर्मा ने भी महाराश्री का आशीर्वाद लिया। वहीं धनंजय शुक्ला भी महाराजश्री के साथ पैदल यात्रा में चलते रहे।जगह-जगह हुआ महाराजश्री का स्वागतबागेश्वर महाराज पैदल यात्रा लेकर जा रहे हैं। इस यात्रा का जगह-जगह स्वागत किया जा रहा है। कोई फूलों की बारिश कर रहा है तो कोई खाने-पीने की सामग्री भेंट कर रहा है। धमौरा में जनपद अध्यक्ष ममता चन्द्रशेखर तिवारी ने महाराजश्री की आरती उतारी।
वहीं प्रवीण तिवारी ने भी महाराजश्री का स्वागत किया। सहानिया सरपंच ने आगे बढ़कर महाराजश्री का स्वागत किया, इसके बाद यात्रा पर्यटक ग्राम मऊसहानियां के शौर्य पीठ पहुंची, जहां महाराजश्री सहित सभी संत-महात्माओं और पदयात्रियों के भोजन की व्यवस्था महाराजा छत्रसाल स्मृति शोध संस्थान द्वारा की गई। भोजन से पहले महाराजश्री ने महाराजा छत्रसाल की प्रतिमा की पूजा-अर्चना की, साथ ही उपस्थित ग्रामीणों को संबोधित कर एकजुट होने का आवाहन किया। मऊ सरपंच प्रतिनिधि अप्पू राजा सोनी ने आरती उतारकर महाराजश्री का आशीर्वाद लिया। उल्लेखनीय है कि रास्ते में पड़ने वाले हर गांव-कस्बे में महाराजश्री का आत्मीय स्वागत हुआ, स्वागत का क्रम यात्रा शुरू होने से रात्रि विश्राम तक चलता रहा।व्यापक व्यवस्थाओं के बीच पेप्टेक टाउन में हुआ सांस्कृतिक कार्यक्रम, रात्रि विश्रामदूसरे दिन का रात्रि विश्राम छतरपुर शहर से की सबसे बड़ी पॉश कॉलोनी पेप्टेक टाउन में हुआ। पदयात्रा के रात्रि विश्राम हेतु पेप्टेक ग्रुप के डायरेक्टर नीरज चौरसिया और विनय चौरसिया द्वारा व्यापक व्यवस्थाएं की गई थीं, जिसमें अस्पताल, भोजन, विश्राम, अलाव, शौच-स्नान आदि शामिल था। यहां शाम 7 बजे से शुरु हुए मंचीय कार्यक्रम देर रात तक चले जिसमें बुंदेली कलाकार लखन अहिरवार एवं ग्रुप द्वारा बधाई नृत्य एवं बुंदेली गायन, सुप्रसिद्ध भजन गायक शीतल पांडे द्वारा भजन एवं हिमालय यादव एवं ग्रुप द्वारा हास्य नाटक की प्रस्तुति दी गई।
इसी बीच बुंदेलखंड की उभरती हुई बाल कलाकार बिन्नू रानी ने भी अपनी बातों से लोगों को हंसाया। रात करीब 9 बजे महाराज श्री मंच पर पहुंचे जहां पेप्टेक ग्रुप के डायरेक्टर के नीरज चौरसिया एवं विनय चौरसिया ने सपरिवार महाराजश्री की आरती उतारते हुए उनका स्वागत किया, साथ ही शौर्य के प्रतीक के रूप में महाराजश्री को तलवार भेंट की। मंच पर महाराजश्री ने अपने आशीर्वचन में कहा कि हम सबको भव्य और दिव्य भारत बनाना है। देश के विभिन्न हिस्सों में हो रही घटनाओं और पड़ोसी देश बांग्लादेश में हिन्दुओं के साथ हो रहे बर्बर अत्याचार पर लोगों का ध्यान आकृष्ट कराया। उन्होंने कहा यदि अभी हम सब अपने सनातन धर्म के प्रति सचेत नहीं हुए तो आने वाले समय में हमें भी पछताना पड़ेगा। अभी नहीं तो कभी नहीं का नारा महाराजश्री ने दिया। इसके साथ ही हनुमानगढ़ी महंत, हिंदुवादी नेता टी राजा सहित अन्य संतों ने जनता को संबोधित किया। उद्बोधन के बाद महाराजश्री ने शहर के प्रमुख लोगों के साथ बैठकर समरसता भोज किया।