Monday, December 23, 2024
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समाचारों के प्रस्तुतीकरण में भाषा की शुद्धता और आत्मविश्वास जरूरी : राजेंद्र चुघ

प्रसिद्ध समाचार वाचक राजेंद्र चुघ ने आकाशवाणी भोपाल में किया संवाद

भोपाल। कामनवेल्थ अवार्ड से सम्मानित वरिष्ठ समाचार वाचक राजेंद्र चुघ ने कहा है कि आकाशवाणी एक ऐसा माध्यम है जिससे आम जनता से लेकर विशिष्ट जन तक सभी जुड़े हुए हैं। यह आजादी के पहले,आजादी के आंदोलन में और आजादी के बाद से आज तक लगातार लोगों के लिए ज्ञान, सूचना और मनोरंजन उपलब्ध कराने का विश्वसनीय माध्यम बना हुआ है। श्री चुघ के अनुसार आम जनता तक अपनी बात पहुंचाने के लिए महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस से लेकर वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक सभी ने आकाशवाणी को जनसंचार का प्रमुख माध्यम माना है। लगभग 90 वर्ष से अधिक का लंबा समय बीत जाने के बाद भीं आकाशवाणी के समाचार अपनी विश्वसनीयता को कायम किए हुए हैं। श्री चुघ ने कहा कि आकाशवाणी के लिए समाचार बनाने में बहुत सजग रहना चाहिए । समाचार सरल भाषा में हों और सटीक जानकारी दे, इसका ध्यान समाचार संपादक को अवश्य रखना चाहिए। आकाशवाणी के समाचार बनाते समय भाषा की शुद्धता और सामान्य ज्ञान के साथ ही, संबंधित विषय के संबंध में गहराई से जानकारी होना बहुत जरूरी है। इससे बेहतर समाचार बनते हैं। उन्होंने कहा कि हमें समाचार के संपादन में शब्दों के साथ लगने वाली मात्रा की बारीकियों और उच्चारण के महत्व को भी समझना चाहिए । अच्छे अल्फाज, हमारी आवाज और हमारा अंदाज लोगों के मन में उतर जाए इसका ध्यान सदैव समाचार संपादक और समाचार वाचक को अवश्य रखना चाहिए। वरिष्ठ समाचार वाचक राजेंद्र चुघ आज आकाशवाणी भोपाल में समाचार वाचकों, समाचार संपादकों की बैठक को संबोधित कर रहे थे। इस बैठक के प्रारंभ में श्री चुघ का स्वागत आकाशवाणी भोपाल की समाचार निदेशक पूजा वर्धन, समाचार संपादक संजीव शर्मा , प्रशांत शर्मा ने किया। इस अवसर पर स्वागत भाषण के दौरान आकाशवाणी भोपाल की उद्घोषक और समाचार वाचक संयुक्ता बनर्जी ने बताया कि वरिष्ठ समाचार वाचक राजेंद्र चुघ वर्ष 1974 से आकाशवाणी से जुड़े रहे। उन्होंने वर्ष 2012 तक विभिन्न पदों पर काम करते हुए काम किया। श्री चुघ विभिन्न पद कार्य करते हुए सेवानिवृत्त होने बाद भारतीय जनसंचार विभाग में रेडियो पत्रकारिता के प्राध्यापक रहे। उन्होंने समाचार लेखन समाचार वाचन सहित अन्य प्रमुख समाचार संबंधी विषयों पर एक पुस्तक लिखी है जिसको सूचना प्रसारण मंत्रालय ने भारत के सभी आकाशवाणी केंद्रों में आदर्श पुस्तिका के रूप में समाचार संपादकों, समाचार वाचकों को पढ़ने के लिए भिजवाया है। इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री चुघ ने कहा कि समाचार के प्रस्तुतीकरण में आत्मविश्वास मजबूत होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारा सामान्य ज्ञान बेहतर हो और हमें हमारे आसपास की समसामयिक घटनाओं का ज्ञान होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें जिस विषय पर किसी विशिष्ट जन का साक्षात्कार लेना है या किसी घटना के बारे में रिपोर्टिंग करना है उसके बारे में प्रारंभिक जानकारी अवश्य रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि समाचार लेखन में संपादकों को हिंदी भाषा की शुद्धता, मात्राओं और व्याकरण का विशेष ध्यान रखना चाहिए। समाचार वाचकों के लिए उन्होंने कहा कि समाचार पढ़ते समय शब्दों के अनुसार अपनी आवाज के उतार-चढ़ाव पर ध्यान देना और शब्दों का उच्चारण ठीक रखते हुए बोलना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि हिंदी भाषा में अनेक शब्द उर्दू भाषा के शामिल किए गए हैं जिनसे समाचार को सुनने में रोचकता बढ़ जाती है। ऐसे ऐसे शब्दों का उपयोग करते हुए शुद्धता का ध्यान रखना जरूरी है। इस अवसर पर समाचार संपादन और समाचार वाचन संबंधी अनेक प्रश्नों का जवाब भी श्री चुघ ने दिया। उनसे महजबीन खान, प्रशांत सेंगर, पुष्पेंद्र सिंह, पूर्वा त्रिवेदी ने सवाल किए जिनका बहुत संतोषप्रद उत्तर मिला। आज के कार्यक्रम में आकस्मिक समाचार संपादक राशिद अहमद खान, तेज बहादुर यादव, प्रदीप सक्सेना, नवनीत चौबे, शरद वाघेला, जाकिर अली, रत्नेश सोनी, रवि चौधरी, अंकित सहित अन्य समाचार संपादक और समाचार वाचक भी उपस्थित थे। आकाशवाणी भोपाल के समाचार विभाग के सहयोगियों के आग्रह पर श्री चुघ ऐसी ही एक ओर ज्ञानवर्धक कार्यशाला का आयोजन अगस्त माह में भी करेंगे, इसकी प्रबल संभावना है।

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