सतपुड़ा, विंध्याचल सहित राज्य स्तरीय दफ्तर भी शुरु होंगे
30 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ शुरु होगा कामकाज
भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार कल 30 अप्रैल से राज्य मंत्रालय सहित राज्य स्तर के प्रमुख कार्यालय खोलने जा रही है। कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए इनमें काम होगा। यह दफ्तर 25 मार्च से बंद थे। सिर्फ मंत्रालय में चुनिंदा अफसर कर्मचारी ही आ रहे थे।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि पूरी सावधानी, सोशल डिस्टेंसिंग के साथ 30 अप्रैल से राज्य मंत्रालय, सतपुड़ा, विंध्याचल और अन्य राज्यस्तरीय कार्यालय 30 प्रतिशत अधिकारियों-कर्मचारियों की उपस्थिति के साथ प्रारंभ होंगे।
अधिकारियों के दल करेंगे निरीक्षण
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि राज्य में कोरोना नियंत्रण के हरसंभव उपाय किए गए हैं। अधिक प्रभावित जिलों में अधिकारियों के दल जाकर सभी पक्ष देखेंगे। ये दल जिलों में कैम्प कर निरीक्षण के पश्चात स्थानीय प्रशासन को कोरोना वायरस के नियंत्रण, उपचार, लॉकडाउन से संबंधित व्यवस्थाओं के निर्धारण में सहयोग करेंगे।
निरंतर कम हो रहे पॉजीटिव रोगी
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि यह सुखद संकेत है कि राज्य में पॉजीटिव रोगियों की संख्या कम हो रही है। इसके साथ ही अस्पताल से डिस्चार्ज होने वाले व्यक्तियों की संख्या बढ़ गई है। रोगी स्वस्थ्य हो रहे हैं मृत्युदर भी कम हुई है। जनसहयोग से कोरोना पर नियंत्रण करते हुए हम आगे बढ़ रहे हैं। अब मध्यप्रदेश में प्रतिदिन चार हजार टैस्टिंग हो रही है जो राष्ट्रीय औसत से अधिक है। पर्याप्त टेस्टिंग किट प्राप्त हो जाने से इस कार्य में गति आई है।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कथन कि “जान भी है, जहान भी है” के अनुसार सीमित क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों का संचालन होगा। ग्रीन जोन में इनके संपादन के साथ ही मनरेगा और अन्य कार्यों में श्रमिक शामिल होंगे। रोजगार के अवसर निरंतर उपलब्ध करवाए जाएंगे।
किसानों का शोषण नहीं होने देंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 23 लाख मीट्रिक टन गेहूं की रिकॉर्ड खरीदी का कार्य पूरा किया जा चुका है। किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य का कवच उपलब्ध है। एक माह पूर्व किसानों को यह चिंता थी कि खरीदी होगी अथवा नहीं। राज्य में गेहूं खरीदी का कार्य सुचारू रूप से चल रहा है। लॉकडाउन के कारण जूट के बारदाने की उपलब्धता में समस्या आई थी जिसे दूर किया गया है। इसमें केन्द्र का सहयोग भी मिल रहा है।
चना, मसूर और सरसो की खरीदी की भी समुचित व्यवस्थाएं की गई हैं।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि किसानों को अधिकतम सुविधाएं देकर उन्हें किसी भी तरह के शोषण से बचाना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। इसी उद्देश्य से प्रति हेक्टेयर उत्पादन के आधार पर सीमा तय कर किसान को लाभान्वित किया जाएगा। पूर्व सरकार द्वारा जो सीमा कम की थी उसे बढ़ाने की कार्रवाई की जा रही है।