- भोपाल में लगा है दिव्य कला मेला
- 19 राज्यों के 108 दिव्यांग कलाकार हुए शामिल
- देश का तीसरा दिव्य कला मेला है यह
भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित ‘भोपाल हाट’ में इन दिनों एक अलग तरह का मेला आयोजित हो रहा है। इसे ‘दिव्य कला मेला’ नाम दिया गया है। इस मेले में 19 राज्यों के 108 दिव्यांग कलाकार अपना हुनर प्रदर्शित कर रहे हैं। मेले की खास बात यह है कि यहां पर दिव्यांग कलाकारों द्वारा निर्मित उत्पादों की खरीदी—बिक्री भी हो रही है। यहां आए कलाकारों में से कोई देख नहीं सकता, कोई सुन नहीं सकता, तो कोई चल नहीं सकता। लेकिन खास बात यह है कि इन सभी के अंदर कला कूट—कूटकर भरी है।
यह सामान हैं उपलब्ध
दिव्य कला मेले में घर सज्जा, लाइफस्टाइल, कपड़े, स्टेशनरी और पर्यावरण के अनुकूल उत्पाद, खाद्य और जैविक उत्पाद, खिलौने और उपहार, व्यक्तिगत उपकरण, आभूषण आदि उपलब्ध हैं। यहां पर आने वाले लोग जमकर खरीदी कर रहे हैं। यहां जम्मू और कश्मीर और उत्तर पूर्व राज्यों सहित देश के विभिन्न हिस्सों के उत्पादों के साथ-साथ हस्तशिल्प, हथकरघा, कढ़ाई कार्यों और खाद्य पदार्थों का प्रदर्शन किया जा रहा है।
पैन से लिखो फिर गमले में डाल दो, पेड़ बन जाएगा
एक स्टॉल में ऐसे पैन की बिक्री की जा रही है, जो पूरी तरह कागज से बना है। इससे किसी भी तरह का पर्यावरण को नुकसान नहीं होता। इसे इस्तेमाल करने के बाद इसे मिट्टी में लगा दिया जाये तो वहां पौधा उग आता है। यहां पर ई—वेस्ट को रिसाइकिल करके भी उत्पाद बनाए गए हैं।
पाश्मीना कलाकारी मोह रही मन
यहां पर जम्मू—कश्मीर से आए कलाकार द्वारा कपड़ों में शॉल भी आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। दोनों पैरों से दिव्यांग कलाकार द्वारा बनाए गए इन कपड़ों और शॉलों को देखकर कोई भी मुग्ध हो सकता है।
केंद्र सरकार कर रही है पहल
दिव्यांगजन को उद्यमी और शिल्पकार के रूप में गढ़ने के लिए केंद्र सरकार द्वारा इस मेले में दिव्यांगजनों को नि:शुल्क स्टॉल आवंटित किये गए हैं। इसका लक्ष्य यह है कि दिव्यांगजन कलाकार अपनी प्रतिभा को बड़े शहर और बड़े मंच में प्रदर्शित कर सकें। यहां पर प्रदर्शित किये जा रहे सभी उत्पाद पर्यावरण संरक्षण करने वाले हैं। आयोजकों ने बताया कि भारत सरकार के केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग द्वारा दिव्यांगजनों को हर संभव सहायता प्रदान करके उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य ये ऐसे मेले आयोजित किये जा रहे हैं। केंद्र सरकार ने विशेष रूप से दिव्यांगजनों के बीच उद्यमिता और शिल्प कौशल को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं तैयार की हैं। इसी के तहत दिव्यांग भाइयों और बहनों को प्रशिक्षण, कौशल और वित्त प्रदान करने के उद्देश्य से यह आयोजन किया जा रहा है।