कोरोना आपदा मे प्रशासनिक लापरवाही कहीं घातक ना हो जाये
पहले क्वारंटाइन सेंटर ढूंढने पड़े
अब लापरवाही कि हद पार… सेम्पल देने के बाद कैसे पहुंचा युवक शादी समारोह में
परत-दर-परत / धीरज चतुर्वेदी
जिस कोरोना ने पूरे देश के इंतज़ामों को धरशाही कर दिया हो उस जानलेवा आपदा के प्रति भी छतरपुर का प्रशासन इस कदर घोर लापरवाही कर रहा है, जिसके बेहद घातक परिणाम सामने आ सकते है।
एक ऐसा वाक्या सामने आया है जिसने बदइंतजामी को बेनकाब कर दिया है। एक संदिग्ध का कोरोना जाँच के लिये सेम्पल लिया जाता है ओर वह शादी समारोह मे शामिल हो जाता है। प्रशासन कि आँखे तब खुलती है जब उस युवक कि रिपोर्ट पॉजिटिव आती है। अब दूल्हा-दुल्हन सहित विवाह मे शामिल 87 लोगो को क्वारंटाइन किया गया है।
जब व्यवस्थाये जंग खा जाती है तो वो नज़ारे सामने आते है जो भयभीत करने जैसे होते है। खासकर जब कोरोना के कहर से देश जूझ रहा हो तो ऐसे समय प्रशासनिक लापरवाहियां जनता कि जान के साथ खिलवाड़ से कम नहीं। रविवार 14 जून को बड़ामलहरा क्षेत्र के ग्राम मदनीबार के एक युवक का सेम्पल संक्रमित मिला। आनन फानन मे प्रशासन का दल इस युवक को आइसोलेशन मे ले जाने के लिये गांव मदनीबार पंहुचा तो होश फाख्ता हो गये।
पता चला कि वह युवक अपने गांव आया ही नहीं ओर अपने साढू कि बेटी कि शादी मे शरीक है। बताया गया कि संक्रमित युवक ने इस शादी समारोह मे खाने पीने से लेकर पूरी व्यवस्था अपने हाथो मे ले रखी थी। प्रशासन कि टीम विवाह समारोह स्थल ग्राम बंधाचंदौली पहुंची जहाँ से युवक को लाया गया। दूल्हा दुल्हन सहित 87 घराती-बारातियो को गांव मे ही क्वारंटाइन किया गया है।
यह मामला बता रहा है कि छतरपुर का प्रशासन कोरोना को भी मदारी के बन्दर का खेल समझें है। जिस युवक का सेम्पल लिया गया उसे सख़्ती के साथ क्वारंटाइन कराने कि जिम्मेदारी प्रशासन कि थी। तभी सवाल उठते है कि कहाँ वये क्वारंटाइन सेंटर? क्या कागजो मे शाबासी पाने कि गणित लगा रखी है। ज्ञात हो कि कालापानी मे भी प्रशासन ने यही गलती कि थी जहाँ का संक्रमित युवक छतरपुर शहर मे खुले आम घूमता रहा।
क्या कोरोना को नजर अंदाज कर जनता को उसके हवाले छोड़ा जा रहा है, यह सवाल जनता का है और जवाब देने का उत्तरदायित्व प्रशासन का है।