शाजापुर, मध्य प्रदेश। मध्य प्रदेश के शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह के बयान ने पूरे प्रदेश में तूल पकड़ लिया है। शिक्षा मंत्री ने अतिथि शिक्षकों को “मेहमान” बताया, जिससे अतिथि शिक्षक नाराज हो गए और विरोध प्रदर्शन किया। मामला शाजापुर में गहराया, जहां अतिथि शिक्षकों ने बस स्टैंड पर जमकर प्रदर्शन किया और शिक्षा मंत्री से माफी मांगने की मांग की। अतिथि शिक्षक संघ ने मंत्री के बयान की निंदा की और अपनी मांगों को लेकर अडिग हैं।
अतिथि शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष आशीष शर्मा ने कहा, “शिक्षा मंत्री का बयान अतिथि शिक्षकों के सम्मान के खिलाफ है। हम मांग करते हैं कि मंत्री अपने बयान पर माफी मांगें। हमारी मांगें पूरी होने तक हम आंदोलन जारी रखेंगे।” प्रदर्शन में शामिल अतिथि शिक्षकों ने बताया कि वे पिछले कई वर्षों से स्कूलों में शिक्षण कार्य कर रहे हैं, लेकिन उन्हें नियमित शिक्षकों के समान अधिकार नहीं मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री का बयान उनके सम्मान को ठेस पहुंचाता है।अतिथि शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष आशीष शर्मा ने मीडिया से चर्चा की और कहा, “10 सितंबर को भोपाल में अतिथि शिक्षकों ने हमारी मांगों को लेकर एक विशाल आंदोलन किया था। हमारे प्रतिनिधिमंडल ने शिक्षा मंत्री से चर्चा की, जिसमें मंत्री ने हमारी मांगों को मानने की सहमति दी थी। इसके बाद अतिथि शिक्षकों ने अपना आंदोलन खत्म कर दिया था, लेकिन अब तक हमारी मांगों का आदेश नहीं आया है।
कल मध्य प्रदेश के शिक्षा मंत्री का एक बयान सामने आया, जिसमें उन्होंने कहा कि अतिथि शिक्षकों का नियमितिकरण क्यों होगा? अतिथि शिक्षक हमारे घर पर मेहमान बनकर आते हैं, तो क्या वे घर पर कब्जा कर लेंगे? इस बयान के विरोध में हम आज प्रदर्शन कर रहे हैं। जहां-जहां मंत्री जाएंगे, वहां-वहां अतिथि शिक्षक संघ के द्वारा उन्हें काले झंडे दिखाए जाएंगे और उनका पुतला दहन किया जाएगा।”इस मामले में आगे क्या होता है, यह देखना दिलचस्प होगा। यदि शिक्षा मंत्री अपने बयान पर माफी नहीं मांगते हैं, तो अतिथि शिक्षक आंदोलन तेज कर सकते हैं। सरकार को भी हस्तक्षेप करना पड़ सकता है। मामले की गंभीरता को देखते हुए अतिथि शिक्षक संघ ने अपनी मांगों को लेकर आंदोलन तेज करने का फैसला किया है। अतिथि शिक्षकों की मांगों को पूरा करने के लिए सरकार को कुछ कदम उठाने पड़ सकते हैं।