रामनवमी पर घरों अाैर मंदिरों में पूजा-अर्चना कर लाेगाें ने खुशियां बांटी। शाम काे भजन-स्तुति कर दीप जलाए गए। आदि शक्ति महामाया मंदिर में स्थापित रामदरबार मंदिर कक्ष में सीमित सदस्यों के साथ अभिषेक पुजारी पं मारखंडेय गौरहा ने पूजा-अर्चना की।
चैत्र मास की नवमीं तिथि को रामजन्म के शुभ मौके पर रामनवमी के रूप में मंदिरों और घरों में सुबह से राम स्तुति, रामस्त्रोत, रामचरितमानस पाठ के साथ विशेष पूजा-अर्चना कर श्रीराम के जन्म की खुशियां बांटी गई। रामभक्तों ने शाम को अपने घर की छत और दरवाजे पर दीप जलाकर एक-दूसरे को बधाई संदेश दिए। अधिकांश घरों में भय प्रगट कृपाला, दीनदयाला राम स्तुति के साथ राम का जयघोष गूंजा। महामाया मंदिर में 151 दीपों की माला सजाई गई थी। वार्ड नंबर 10 की संतोषी गली में भक्तों ने अपने-अपने घरों के बाहर और छतों पर दीप जलाकर दीपावली जैसा माहौल बना दिया था। सरगांव के अधिकांश परिवारों और क्षेत्र में बजरंग दल, विश्व हिन्दू परिषद, राम-राज्य दल समेत कई हिन्दू संगठन के आह्वान पर शाम को दीपक जलाकर रामजन्म का उत्सव मनाया।
राम मंदिर में सोशल डिस्टेंस बना कर पूजा-अर्चना की
मंुगेली| इस बार रामनवमी में शादी का ब्याह की व्यस्तता बाजार में नहीं दिखी। सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा। रात भर बारात जाने की परंपरा भी थम गई। कहीं भी कोई मांगलिक आयोजन नहीं हुए।
कोराेना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने लॉक डाउन के तहत 14 अप्रैल तक सभी कार्यक्रम-आयोजन स्थगित कर दिए गए हैं। इससे मंदिरों के पट बंद कर दिए हैं। चुनिंदा मंदिरों में ही कुछ लोग पूजा करने पहुंचे और वे भी सोशल डिस्टेंस में रह कर पूजा-अर्चना किए। रामनवमीं के दौरान कही भी शादी-ब्याह नहीं हुए। रामनवमी पर्व राम मंदिर में सादगी के साथ मनाया गया, जहां मंदिर के पुजारी और उनके सहयोगी ने पूजा-अर्चना कर प्रसाद बांटे। वहीं दूसरी ओर रामगोपाल तिवारी वार्ड के लोगों ने दीपक जलाकर रामनवमीं और अयोध्या में भगवान श्रीराम की मंदिर बनने की खुशियां मनाई। इस दौरान आतिशबाजी भी की गई।
राम मंदिर में सोशल डिस्टेंस का पालन कर पूजा करते श्रद्धालु।
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