इंदौर के जानापाव में मुख्यमंत्री ने लाड़ली बहना सम्मेलन में की सहभागिता
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को इंदौर जिले के जानापाव में लाड़ली बहना सम्मेलन में सहभागिता कर लाड़ली बहनों से संवाद किया। सीएम शिवराज ने कहा कि मैं बचपन से देखते आया हूं, हमेशा बेटा और बेटी में भेद किया गया। लेकिन अब मैं मुख्यमंत्री हूं और उसी भेद को दूर करने के लिए काम कर रहा हूं, योजनाएं बना रहा हूं। अब मध्य प्रदेश में महिलाएं सशक्त हो रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब मैं, पहली बार मुख्यमंत्री बना तो भारतीय जनता पार्टी की सरकार में हमने मुख्यमंत्री कन्यादान योजना बनाकर तय किया कि सभी गरीब बेटियों की शादी मामा करवाएगा, ताकि शादी का बोझ गरीब पर न आए। इसके बाद मैंने तय किया बेटी पैदा होते ही साथ लखपति बन जाए। तब हमने मुख्यमंत्री लाडली लक्ष्मी योजना बनाई। अब हमारी 44 लाख 4 हजार लाड़ली लक्ष्मी बेटियां हो गईं हैं। जन्म से लेकर शिक्षा, शादी तक की व्यवस्था हमने कर दी, इसलिए मुख्यमंत्री कन्यादान विवाह योजना बना दी। सीएम ने कहा कि हमने तय किया की प्रदेश की आधी सीटों पर बेटी और बहनें चुनाव लड़ेंगी। चाहे जिला पंचायत के चुनाव हो,चाहे पार्षद के हो। मेरी बहनें जनपद अध्यक्ष है,जिला पंचायत सदस्य हैं, पार्षद हैं। मेरी बहनें राज कर रही हैं। हमने तय किया की पुलिस में 30 प्रतिशत भर्ती मेरी बहनों की होगी, आज बहनें पुलिस की वर्दी में बदमाशों की अक्ल ठिकाने लगा रहीं हैं। सीएम ने कहा कि उक्त सभी योजनाएं बनाने के बाद भी मन में बेचौनी थी की अपनी बहनों के लिए और क्या करूँ, जिससे मेरी बहनों की जिंदगी बदल जाए,और रातभर सोचने के बाद फैसला किया की बहनों को कुछ दिया जाए और फिर आई लाड़ली बहना योजना। सगा भाई साल में एकबार उपहार देता है, मेरे मन में आया की तू भी भाई है, सालभर नहीं,हर महीने कुछ न कुछ देना चाहिए और निर्णय किया की बहनों को हर महीने 1 हजार रुपये दूंगा, साल में 12 हजार रुपये बहनों को दूंगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरी बहनों घर में अगर बूढ़ी सास है तो उनकी पेंशन भी 600 से बढ़ाकर 1 हजार कर दूंगा। मेरी बहनों ये योजना आपकी जिंदगी बदलने की योजना है, यह योजना बनाके मेरी जिंदगी सफल हो गई, मेरा मुख्यमंत्री बनना सफल हो गया। सीएम शिवराज ने योजना की पात्रता भी बताई। उन्होंने कहा कि हमने तय किया कि 23 से 60 साल तक की, पाँच एकड़ से कम कृषि भूमि, जिनके पास चार पहिया वाहन नहीं है या ढाई लाख रुपये से कम आमदनी वाली बहनों हर महीने एक हजार रुपये दिये जाएंगे। 30 अप्रैल तक योजना के आवेदन भरे जा रहे हैं, जो बहनें रह गईं हों वो फॉर्म भर दें। मई में इनकी जांच होगी और 10 जून को बहनों के खाते में योजना की राशि आपके खाते में आना शुरू हो जाएगा। 10 जून मेरी बहनों के जीवन का ऐतिहासिक दिन होगा।