खान ने कहा कि देश के सभी मुसलमानों में डर नहीं हैं, बल्कि मुसलमानों का एक वर्ग है, जिसके दिल में खौफ पैदा किया जा रहा है. हालांकि यह कोई नई बात नहीं हैं. जब साल 1986 में शाहबानो का मामला सामने आया था, तब भी
मुसलमानों का एक वर्ग बेहद उत्तेजित था. साथ ही धमकी दे रहा था कि शाहबानो
केस पर जो मुस्लिम सांसद हमसे असहमत हों, उसकी टांगे तोड़ दो.
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