सीएमडी के पीए एवं चर्चित ठेकेदार के यहां करोड़ों रूपये कैश एवं सोने-चॉदी मिलने की चर्चा, सीबीआई नई दिल्ली टीम ने की कार्रवाई, मचा हडक़ंप, सोमवार तक के लिए रिमांड पर…
सिंगरौली। शनिवार की रात एवं आज दिन रविवार की सुबह एनसीएल हेडक्वाटर सिंगरौली में सीएमडी के पीए एवं नवजीवन बिहार विंध्यनगर के इन्दपुरी कॉलोनी ढोटी वार्ड क्रमांक 31 में चर्चित ठेकेदार के आवास पर सीबीआई नई दिल्ली के टीम ने रेड करते हुये करोड़ों रूपये कैश एवं सोने-चॉदी के जेवरात बरामद कर जप्त किये जाने की चर्चा है। हालांकि अधिकृत रूप से सीबीआई टीम के सदस्य मीडियाकर्मियों के सवालों से बचते नजर आए..
जानकारी के मुताबिक आज दिन रविवार की अल सुबह सीबीआई नई दिल्ली की टीम के करीब दो दर्जन अधिकारी-कर्मचारी एनसीएल हेडक्वाटर स्थित सीएमडी के पीए सूबेदार ओझा के आवास एवं ऑफिस समेत सुरक्षा विभाग में पदस्थ बसंत कुमार सिंह के यहां दबिश देते हुये छापामार कार्रवाई किया है। वही दूसरी टीम एनसीएल के बहुचर्चित ठेकेदार व सप्लायर रविशंकर सिंह के आवास जयंत एवं इन्दपुरी कॉलोनी ढोटी वार्ड क्रमांक 31 में दबिश देते हुये भारी मात्रा में करोड़ों रूपये कैश बरामद कर जप्त किया गया है। सीबीआई की यह कार्रवाई बीती रात करीब 10 बजे से शुरू हुई और रविवार की अल सुबह करीब 6 बजे से चली है। सप्लायर के यहां से भारी मात्रा में दस्तावेज बरामद किये जाने की चर्चाएं की जा रही है कि सीएमडी के पीए के यहां से करीब 4 करोड़ एवं ठेकेदार के यहां से 10 लाख रूपये कैश मिला है। हालांकि इसकी अधिकारिक पुष्टि नही हो पाई है।
रिमांड पर पीए व ठेकेदार व उनकी पत्नी एवं सुरक्षाधिकारी….
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सीबीआई ने सीएमडी के पीए सूबेदार ओझा, सप्लायर संविदाकार रविशंकर सिंह एवं एनसीएल के सुरक्षाधिकारी बीके सिंह को गिरफ्तार कर जिला एवं सत्र न्यायालय बैढऩ में पेश किया। जहां से उन्हें रिमांड पर ले लिया है। एनसीएल में सीबीआई की इस कार्रवाई से हडक़ंप मचा हुआ है।
करोड़ों रूपये के सप्लाई से जुड़ा है मामला….
सूत्र बतातें हैं कि एनसीएल में सप्लायर रविशंकर सिंह की तूती बोलती है। सिंगरौली से लेकर जबलपुर एवं बिहार तक कई सहयोगी जुड़े हुये हैं। जहां उन्हीं के माध्यम से कारोबार खूब फलफूल रहा था। सूत्र बतातें है कि करीब एक दशक से एनसीएल हेडक्वाटर सिंगरौली में दबदबा था। जहां पूर्व में पदस्थ एनसीएल सिंगरौली के तीन सीएमडी मुरली, पीके सिन्हा एवं भोला सिंह के काफी नजदीकी रहें हैं और उनसे बेहतर तालमेल था। रविशंकर सिंह संविदाकार से कितना लाभ अर्जित हुआ यह तो जांच के बाद पता चल जाएगा।