आज से यूपी विधानसभा का बजट सत्र शुरू होते ही सीएए-एनआरसी और एनपीआर के मुद्दे पर विपक्षी विधायकों ने हंगामा किया. सपा-बीएसपी के विधायकों ने पोस्टर बैनर के साथ विरोध किया. विपक्षी विधायकों ने वेल में आकर नारेबाजी की. वहीं, कांग्रेस के विधायकों ने विधानसभा के गेट पर प्रदर्शन किया. उन्होंने हाथों में तख्तियां थाम रखीं थी जिन पर सरकार को किसान और महिला विरोधी बताया गया था. साथ ही उन्होंने सरकार से नागरिकता क़ानून वापस लेने की मांग की. कांग्रेस विधायकों का कहना है कि सरकार असल मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए नागरिकता कानून लेकर आई है.
विपक्षी विधायकों ने राज्यपाल के अभिभाषण में भी हंगामा किया. जैसे ही राज्यपाल आनंदीबेन पटेल अपना अभिभाषण पढ़ने के लिए उठीं, वैसे ही समाजवादी पार्टी के विधायक सदन के बीचे में जाकर प्रदर्शन करने लगे और कुछ वहीं बैठ गए. इनमें से कुछ विधायकों ने सीएए, एनआरसी के खिलाफ प्ले कार्ड हाथ में ले रखे थे. कुछ विधायक अपनी पीठ पर गैस सिलेंडर लेकर पहुंचे थे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सदन में ही थे.
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कुछ समाजवादी और कांग्रेस विधायक विधानसभा के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे. कुछ कांग्रेस विधायक महंगाई के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए रिक्शावालों को टमाटर बांटते हुए दिखे.
बता दें, उत्तर प्रदेश सरकार का वार्षिक बजट मंगलवार को विधानसभा में पेश किया जाएगा.
विधानसभा में विरोधी दल के नेता समाजवादी पार्टी के रामगोविंद चौधरी ने कहा, “भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) की सरकार ने अभी तक अपना कोई भी काम नहीं किया है. अखिलेश यादव जी के कार्यकाल के दौरान किए गए कामों का ही उद्घाटन हो रहा है. सरकार ने 25 फीट ऊंची कोई इमारत ही बना दी हो, इसकी भी जानकारी वह नहीं दे सकते हैं. सरकार प्राइवेट लिमिटेड लोगों की ही मदद कर रही है और निजीकरण को ही बल दे रही है. आखिर जनता को कब तक गुमराह किया जाएगा.”
गौरतलब है कि सदन 13 फरवरी से सात मार्च तक चलेगा. पहले दिन राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने 11 बजे दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में अभिभाषण किया. 14, 17, 18 व 19 फरवरी को अभिभाषण पर चर्चा होगी. 18 फरवरी को 11 बजे वित्तीय वर्ष 2020-21 का बजट पेश किया जाएगा. इस दिन नियम-56 के मामले नहीं लिए जाएंगे. 20 फरवरी से बजट पर चर्चा प्रारंभ होगी. 24, 25, 26, 27 फरवरी को आम चर्चा होगी.
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