- बैंकों में करेंसी चेस्ट से जुड़े अफसरों के मुताबिक नोटबंदी के बाद तो लगातार बड़ी संख्या में 2000 के नोटों की सप्लाई हुई
- पिछले चार महीने से दो हजार के नोट की सप्लाई बंद, बैंक अफसरों का कहना है कि आरबीआई नागपुर से नहीं आ रहे नोट
Dainik Bhaskar
Feb 16, 2020, 01:55 AM IST
रायपुर . नोटबंदी के बाद से लेकर चार-पांच महीने पहले तक राजधानी में बड़ी संख्या में नजर आने वाले 2 हजार रुपए के लाल नोट बाजार ही नहीं बल्कि एटीएम और बैंकों से भी गायब हो गए हैं। भास्कर की पड़ताल में पता चला कि रिजर्व बैंक हर हफ्ते राजधानी के सब बैंक मुख्यालयों को मिलाकर प्रदेश के लिए 500 करोड़ की करेंसी की मांग बिना बाधा के पूरी तो कर रहा है, लेकिन 500, 200 और 100 वाले नोट ही भेज रहा है। पिछले 4 माह से रिजर्व बैंक से 2 हजार वाले नोट आना करीब-करीब बंद है। सिर्फ बैंक ही नहीं, कारोबारियों का दावा है कि नोटबंदी के बाद से अब तक 2 हजार वाले लाखों नोट राजधानी और छत्तीसगढ़ में लोगों के पास पहुंचे, लेकिन ये भी बाजार से गायब हैं। छोटी-बड़ी सारी डील 500 के नोटों से ही हो रही है, जो ज्यादा जगह घेर रहे हैं। चूंकि रिजर्व बैंक से बड़े नोट नहीं आ रहे हैं, इसलिए बैंकों से भी नहीं मिल रहे हैं और एटीएम से तो बिलकुल नहीं। बैंक अफसरों ने माना कि कई कारोबारी बड़े नोटों की मांग करते हैं, लेकिन उन्हें अब साफ मना किया जाने लगा है क्योंकि लाल नोट नहीं हैं। इससे वह लोग भी परेशान हैं जिन्हें बैंकों से बड़ी रकम निकालनी होती है, क्योंकि छोटे नोटों को लाने-ले जाने के लिए ज्यादा सुरक्षा इंतजाम लगते हैं।
बैंकों में करेंसी चेस्ट से जुड़े अफसरों के मुताबिक नोटबंदी के बाद तो लगातार बड़ी संख्या में 2000 के नोटों की सप्लाई हुई, लेकिन पिछले तीन से चार महीने में इसकी सप्लाई लगभग बंद है। ऐसे में जिन लोगों के घरों में शादी है, जमीन का बड़ा बयाना देना है या फिर सराफा में बड़ी खरीदी करनी है, तो उन्हें ज्यादा परेशानी हो रही है। उन्हें छोटे नोटों से काम चलाना पड़ रहा है। बैंक अफसरों का कहना है कि आरबीआई नागपुर से ही बड़े नोटों की सप्लाई नहीं हो रही है तो ऐसे में हम कुछ नहीं कर सकते हैं। रिजर्व बैंक जो नोट देगा बैंकों से उसी का लेन-देन होगा।
एटीएम में 2 हजार के कैसेट खाली
राजधानी के सभी यानी करीब 150 एटीएम में 2000 के नोट रखने के लिए एक और दो कैसेट्स बनाए गए थे। लेकिन अब ये सभी कैसेट्स खाली रह रहे हैं। बड़े नोटों की लंबाई ज्यादा होने की वजह से उसमें दूसरे नोट नहीं रखे जा सकते हैं। बैंकों के पास बड़े नोट है ही नहीं इसलिए एटीएम के ये सभी कैसेट्स खाली रह रहे हैं। एक कैसेट में नोटों की 20 से 24 गड्डियां आती हैं। अभी बड़े नोट नहीं होने की वजह से बैंकों के एटीएम भी जल्दी खाली हो रहे हैं। एटीएम के लिए अभी सबसे ज्यादा 500 के नोटों की सप्लाई की जा रही है।
हर बैंक में चेस्ट पर बड़ा नोट नहीं
स्टेट बैंक के अलावा बैंक ऑफ बड़ौदा, यूको बैंक, ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, सेंट्रल बैंक, पंजाब नेशनल बैंक समेत बड़े बैंकों के पास अपनी चेस्ट है। एक चेस्ट में साइज के अनुसार 50 से 200 करोड़ रुपए तक रखे जा सकते हैं। बैंकों की इस चेस्ट में भी अभी 2000 के नोट नहीं है। इसलिए बैंकों की शाखाओं से भी लोगों को मांगने पर भी बड़े नोट नहीं मिल रहे हैं। एटीएम में कैश भरने वाली एजेंसियों को बड़े नोट दिए ही नहीं जा रहे हैं। इस वजह से वे भी इन नोटों को एटीएम में नहीं डाल रहे हैं।
बाजार और बैंकों से 2 हजार के नोट लगभग गायब जैसे ही हैं। इससे छोटे कारोबारियों को फर्क नहीं पड़ रहा, पर बड़े व्यापारी परेशान हो रहे हैं। बड़ी डील में 500 के नोटों की वजह से रकम काफी ज्यादा दिखना भी सुरक्षा के नजरिए से उचित नहीं लगता। जितेंद्र बरलोटा, अध्यक्ष छत्तीसगढ़ चैंबर
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