- 2019 में सबसे अधिक 136 केस दर्ज, 2018 में 104 लोगों को दुष्कर्म का शिकार बनाया था
- संयोग : दुष्कर्म के मामले भी धारा 376 के तहत किए जाते हैं दर्ज, कई को अभी तक सजा नहीं
Dainik Bhaskar
Feb 12, 2020, 12:41 PM IST
चंद्रकुमार दुबे। बिलासपुर. छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में तीन साल में बलात्कार के 376 मामले दर्ज हुए। यह पुलिस का ही आंकड़ा है। संयोग ही है कि दुष्कर्म के केस भी धारा 376 में दर्ज किए जाते हैं। 2017 और 2019 सबसे अधिक 136 मामले सामने आए। इसी तरह 2018 में 104 लोगों को दुष्कर्म का शिकार बनाया गया। दुष्कर्म करने वालों में 60 साल के बुजुर्ग से लेकर 16 साल के नाबालिग आरोपी तक शामिल है।
चार साल की बच्ची से लेकर अधेड़ महिला तक बनी शिकार
दुष्कर्मियों ने इस दौरान चार साल की बच्ची से लेकर किशोरी, युवती व अधेड़ महिलाओं के साथ भी गलत काम किया। दो माह पहले सरकंडा की दो मासूम बच्चियों को उस समय दुष्कर्म का शिकार बनाया गया जब वह अकेली थी। यह घटना केवल दो दिनों के भीतर ही हुई। मस्तूरी क्षेत्र में काम से घर लौट रही युवती के साथ दुष्कर्म करने के बाद हत्या की गई। इस घटना की याद कर अभी भी लोग सिहर उठते हैं।
जिले में मस्तूरी नंबर वन, दूसरे स्थान पर बिल्हा
पिछले तीन साल का रिकार्ड देखें तो मस्तूरी क्षेत्र में दुष्कर्म के केस अधिक हुए। यहां 2017 से 2019 के बीच 67 मामले दर्ज किए गए। दूसरे नंबर पर बिल्हा है। इस इलाके में तीन साल के भीतर दुष्कर्मियों ने 64 लोगों को शिकार बनाया।
दुष्कर्म के मामलों में छत्तीसगढ़ देश में पांचवे स्थान पर
राज्य स्थापना के बाद प्रदेश में दुष्कर्म के 1785 केस दर्ज हुए। इनमें 217 ऐसे हैं जिनमें पीड़िता की उम्र 18 साल से कम है। आंकड़ों के अनुसार 2019 में छत्तीसगढ़ पांचवे स्थान पर है। पहले स्थान पर आंध्रप्रदेश, दूसरे पर अरुणाचल प्रदेश, तीसरे में असम और चौथे में बिहार है।
तीन साल में 689 के साथ छेड़खानी
वर्ष | छेड़खानी | दुष्कर्म |
2019 | 218 | 136 |
2018 | 221 | 104 |
2017 | 250 | 136 |
जेल में 352, बच्चों के दुष्कर्मी 75
प्रकार | कुल संख्या | बच्चों से दुष्कर्म |
सजायाफ्ता कैदी | 232 | 61 |
विचाराधीन बंदी | 120 | 14 |
134 को नहीं मिल पाई सजा, कोर्ट में केस
दुष्कर्मियों में से 134 को अभी तक सजा नहीं मिल पाई है। ये जेल में बंद हैं। इनका केस कोर्ट में चल रहा है। इनमें से 14 ऐसे हैं जिन्होंने मासूमों के साथ गलत काम किया।