- खुर्सीपार क्षेत्र में साल 2015 की घटना, 5 साल की बच्ची की हत्या कर शव को नाले में फेंक दिया था
- दुर्ग कोर्ट के विशेष न्यायाधीश के फैसले को हाईकोर्ट ने रखा बरकरार, मां को भी सुनाई 5 साल कैद
Dainik Bhaskar
Feb 06, 2020, 01:03 PM IST
बिलासपुर/दुर्ग. छत्तीसगढ़ के दुर्ग में 5 साल की बच्ची से दुष्कर्म और हत्या के मामले में बिलासपुर हाईकोर्ट ने दुर्ग कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा है। दुर्ग के विशेष न्यायाधीश ने वर्ष 2018 में दुष्कर्मी हत्यारे राम सोना को फांसी की सजा सुनाई थी। इस पर बुधवार को फैसला सुनाते हुए जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और जस्टिस गौतम चोरडिया की संयुक्त बेंच ने उसकी मौत की सजा को बरकरार रखा है। इससे पहले निचली अदालत ने जुर्म में साथ देने पर राम सोना की मां और एक अन्य दोषी को पांच-पांच साल की सजा सुनाई थी।
नाबालिग की हत्या कर शव को घर में छिपाया, फिर ठिकाने लगाया
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25 फरवरी 2015 को खुर्सीपार निवासी 5 वर्षीया बच्ची खेलते हुए अचानक गायब हो गई। परिजन ने थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई। जांच के दौरान पुलिस ने एक नाबालिग संदेही को पकड़ा। पूछताछ में संदेही ने बताया कि उसके बड़े भाई राम सोना ने लड़की की हत्या कर लाश को घर में छिपाकर रखा था। बाद में लाश को ठिकाने भी लगा दिया। छोटी भाई के इस खुलासे के बाद पुलिस ने राम सोना को गिरफ्तार कर लिया।
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घटना के साक्ष्य को छिपाने में मां को भी सजा
हाईकोर्ट ने आरोपी राम सोना की अपील को खारिज कर निचली अदालत में दी गई फांसी की सजा बरकरार रखी। निचली अदालत ने मामले में आरोपी राम सोना को सहयोग करने के आरोपी अमृत सिंह और राम की मां कुंती सोना को 5-5 वर्ष कैद और अर्थदंड की सजा सुनाई थी। हाईकोर्ट ने इनकी भी अपील को खारिज कर दिया है। उन पर साक्ष्य छिपाने का आरोप है। उनकी सजा भी बरकरार रहेगी। घटना के दौरान राम सोना की मां ने भी मासूम के शव को ठिकाने लगाने में मदद की और अपराध को छिपाया।
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राम सोना ने बच्ची को चॉकलेट का लालच देकर घर बुलाया था
राम सोना ने पुलिस को दिए बयान में बताया था कि उसने बच्ची को चॉकलेट देने का लालच देकर घर में बुलाया था। उसका मुंह दबाकर बलात्कार किया और फिर हत्या कर दी। बाद में राम सोना ने अपनी मां कुंती सोना और मित्र अमृत सिंह के साथ मिलकर शव को सफेद रंग के प्लास्टिक के बोरे में भरकर रेल लाइन के किनारे नाले में फेंक दिया। पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर नाले से बच्ची के शव को भी बरामद कर लिया।
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एक और न्याय :बेटी से ज्यादती करने वाले पिता को उम्रकैद
वहीं, एक अन्य मामले में दुर्ग कोर्ट ने अपनी नाबालिग बेटी से संबंध बनाने वाले पिता को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। यह फैसला न्यायाधीश ममता शुक्ला की अदालत ने दिया है। प्रकरण भिलाईनगर कोतवाली क्षेत्र का है। किशोरी के नाना ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि उसका दामाद अपनी 12 साल की बेटी के साथ लगातार शारीरिक संबंध बना रहा है। इसकी जानकारी पीड़िता ने अपने नाना को लिखी चिट्ठी में दी थी। पत्नी की मौत के बाद आरोपी ने अपने ससुराल से नाता तोड़ लिया था।
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