- दोहरे हत्याकांड का 4 साल बाद खुलासा, 2016 में रायगढ़ के संबलपुरी में सड़क पर पड़े मिले थे शव
- पुलिस ने बुधवार देर रात आरोपी को ओडिशा के ब्रजराजनगर स्थित घर से गिरफ्तार किया
- पुलिस का कहना- महिला आरोपी विधायक पर शादी का दबाव डाल रही थी, इसीलिए कर दी हत्या
Dainik Bhaskar
Feb 14, 2020, 01:23 PM IST
रायगढ़. छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में करीब 4 साल पहले 2 हत्याओं के मामले में पुलिस ने ओडिशा के ब्रजराजनगर से पूर्व विधायक और बीजू जनता दल (बीजेडी) के नेता अनूप कुमार साय को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि 6 मई 2016 को शहर से करीब 10 किमी दूर संबलपुरी में 2 महिलाओं को मारकर फेंका और फिर शवों को गाड़ी से रौंद दिया था। चक्रधरनगर पुलिस ने अनूप को बुधवार देर रात ब्रजराजनगर स्थित उसके घर से उठाया। इस मामले में अन्य 2 आरोपियों की गिरफ्तारी शनिवार तक हो सकती है। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है।
6 महीने तक सुराग नहीं मिला था पुलिस को
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7 मई 2016 को चक्रधरनगर थाने के प्रभारी अमित पाटले को बंगुरसिया मार्ग पर संबलपुरी में स्थित शाकंबरी फैक्ट्री के नजदीक सड़क पर दो महिलाओं का शव पड़े होने की सूचना मिली थी। गांव और फैक्ट्री कर्मियों से पूछताछ में शिनाख्त नहीं हुई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चला कि पहले हत्या की गई फिर शवों को गाड़ी से कुचला गया। आईजी पवनदेव ने जांच में लगे अफसरों से कॉल गर्ल विवाद में हत्या का अंदेशा जताया। तब जांच टीम ने 150 से अधिक कॉल गर्ल्स, संदिग्धों से पूछताछ की, बाद में सुराग मिला।
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इसलिए 4 साल लगे आरोपी तक पहुंचने में
2018 के आखिर में सुनील और प्रवती की डीएनए जांच रिपोर्ट भी आ गई। अनूप कुमार ब्रजराजनगर से तीन बार कांग्रेस से विधायक रहा। 2014 में उसने बीजेडी ज्वाइन कर ली। सत्ताधारी दल का नेता होने के कारण रायगढ़ पुलिस के पूछताछ के बुलावे (नोटिस) पर वह हाजिर नहीं हुआ। 2019 में ओडिशा विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने बरगढ़ के बिजेपुर सीट से भी चुनाव लड़ा। अनूप को चुनाव प्रचार समिति को चेयरपर्सन बनाया गया। नवीन यहां से चुनाव जीते, हालांकि बाद में इस्तीफा दे दिया, लेकिन अनूप का राजनीतिक रसूख और भी बढ़ गया। अगस्त 2019 में अनूप कुमार को प्रदेश वेयर हाउसिंग कॉर्पोरेशन का चेयरपर्सन बनाया गया।
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मां-बेटियों का किसी और से मिलना नहीं था पसंद
अनूप से पुलिस ने 18 घंटे तक पूछताछ की जिसमें हत्या की वजह सामने आई। सूत्रों की मानें तो पुलिस ने सख्ती की तो अनूप ने बताया कि उसे मां-बेटी का किसी और से मिलना अच्छा नहीं लगता था। संपत्ति को लेकर भी दबाव बनाने की बात सामने आई है। रायगढ़ पुलिस को अनूप के खिलाफ सबूत और सुराग 2017 में ही मिल गए थे, लेकिन प्रदेश में भाजपा सरकार के होने और बीजेपी-बीजेडी के संबंध अच्छे होने के कारण उसे गिरफ्तार नहीं किया गया। अनूप की गिरफ्तारी के बाद सीएम नवीन पटनायक ने उसे पार्टी से निकालने के साथ ही वेयरहाउसिंग कार्पोरेशन से भी हटा दिया है।
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भास्कर के लिए खासतौर पर एसपी रायगढ़ संतोष कुमार सिंह ने लिखा
घटनास्थल, जहां मां-बेटी का शव मिला था वह इलाका ओडिशा से नजदीक है। हादसे के बाद तब चक्रधरनगर के टीआई अमित पाटले दोनों मृतकाओं के फोटो लेकर ओडिशा के सीमावर्ती जिला बरगढ़ गए। वहां सार्वजनिक जगहों पर पोस्टर चिपकाए। बरगढ़ के एक थाने में मृतका के पूर्व पति का रिश्तेदार पुलिस कांस्टेबल था। उसने जब फोटो देखी तो पहले मृतका के पति को बताया, फिर बात महिला के मायके तक पहुंची। क्राइम ब्रांच प्रभारी राकेश मिश्रा को एक शख्स ने फोन कर बताया कि मृत महिलाएं उसकी बहन और भांजी हैं।
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उसके जरिये पुलिस मृतका के पूर्व पति सुनील श्रीवास्तव तक पहुंची। मृत लड़की और सुनील का डीएनए टेस्ट कराया। मृत महिलाओं की पहचान कल्पना दास (32) और उसकी बेटी प्रवती दास (14) के रूप में हुई। पुलिस ने मृतका कल्पना के पति से पूछताछ की तो पता चला कि कल्पना पेशे से वकील थीं। ब्रजराजनगर केे विधायक अनूप कुमार साय से उसकी नजदीकियां बढ़ीं। पति को यह बर्दाश्त नहीं हुआ और वह 6-7 साल पहले (हत्या से) ही पत्नी से अलग हो गया। बेटी, मां के साथ ही रहती थी।
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लोगों के बयान, कॉल डिटेल रिकॉर्ड में भी अनूप और कल्पना के संबंधों की पुष्टि हुई। जांच में पता चला कि पहले से शादीशुदा अनूप साय के कल्पना से भी संंबंध थे। अंदाजा हुआ कि शादी करने को लेकर दबाव, संपत्ति के लिए ब्लैकमेलिंग या फिर राजनीतिक प्रभाव पर असर के कारण अनूप ने ही कल्पना और उसकी बेटी को रास्ते से हटवाया होगा। घटना से पहले कल्पना के मोबाइल पर आखिरी कॉल अनूप का ही था। यह भी पता चला कि आखिर के दो-तीन दिन वह ब्रजराजनगर के एक हॉटल में भी ठहरी थी। संगीन अपराध हुआ है, अनूप को हत्यारा साबित करने के लिए हमारे पास पूरे सबूत हैं।
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