- स्पीकर ने कहा- विधानसभा सचिवालय से भी लंबे जवाब छोटे आएं, इसकी व्यवस्था होनी चाहिए
- विपक्ष ने सवालों पर पाबंदी का विरोध किया, सत्ता पक्ष से नोकझोंक हुई तो स्पीकर ने कहा- यह सुझाव
Dainik Bhaskar
Mar 05, 2020, 03:51 PM IST
रायपुर. छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि विधायक अपने सवाल सही करें। एक प्रश्न का जवाब तैयार करने में सदन को 10 लाख रुपए खर्च करने पड़ते हैं। अध्यक्ष ने कहा कि प्रश्नों को सदन में ठीक ढंग से और छोटा रखा जाना चाहिए। इस पर विपक्ष ने सवालों के तरीके और पाबंदी का विरोध किया। इस पर सत्ता पक्ष और विपक्ष में जमकर नोकझोंक शुरू हो गई।
बजट सत्र के दौरान सवाल-जवाब का सिलसिला सदन में चल रहा है। कार्यवाही के दौरान स्पीकर डॉ. महंत ने विधायकों को निर्देश दिए कि वे सही तरीके से सवालों को पूछे। सवालों को ज्यादा लंबा न किया जाए।साथ ही उन्होंने कहा कि विधानसभा सचिवालय को भी इसकी व्यवस्था करनी चाहिए कि लंबे सवालों के जवाब छोटे आएं।
नेता प्रतिपक्ष ने जताया विरोध
स्पीकर के डॉ. चरणदास महंत के इस निर्देश का नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने विरोध किया। उन्होंने कहा कि अगर हम छोटे सवाल पूछेंगे तो संबंधिक क्षेत्र की समस्या कैसे दूर होगी। नेता प्रतिपक्ष का ये जवाब सुनकर सत्ता पक्ष ने विरोध करना शुरू कर दिया। अध्यक्ष डा.महंत ने कहा कि यह उनका आदेश नहीं है, बल्कि सदस्यों को सुझाव है।
शराब बिक्री में सरकार की आय घटी
प्रदेश में शराब बिक्री से सरकार की आय घटी है। सरकार को पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष 402 करोड़ का घाटा हुआ है। आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने सदन को इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वर्ष 2019-20 में शराब से 4089 करोड़ रुपए की आय प्राप्त हुई थी, जबकि वर्ष 2018-19 में 4491 करोड़ और 2017-18 में 4054 करोड़ रुपए की आय प्राप्त हुई।
अवैध शराब बिक्री का भी उठा मुद्दा
प्रदेश में शराब की अवैध बिक्री का मामला भी सदन में उठाया गया। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने सरकार के संरक्षण में शराब की अवैध बिक्री का आरोप लगाया। वहीं ननकी राम कंवर ने आरोप लगाया कि हरियाणा और उत्तर प्रदेश से आई अवैध शराब को सरकारी शराब दुकानों में बिक्री की जा रही है। विधायकों के इस आरोप पर आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने शिकायत पर कार्यवाही का आश्वासन दिया।
Source link