- लोकल प्लान के लिए चुना मोवा को 11 एकड़ में 10 साल के लिए योजना
- केंद्र की ओर से चुने गए 25 शहरों के एक-एक क्षेत्र का चयन इस प्लान के लिए
Dainik Bhaskar
Feb 13, 2020, 12:53 AM IST
रायपुर. केंद्र सरकार ने देशभर के 25 स्मार्ट शहरों को चुना है, जिनमें एक-एक बड़े इलाके का चयन कर उसका टाउन प्लानिंग स्कीम के तहत नया प्लान बनाया जाएगा। यह प्लान आने वाले 10 साल की जरूरत पर अाधारित होगा। चुने गए शहरों में रायपुर भी है। राजधानी की स्मार्ट सिटी कंपनी ने नए टाउन प्लान के लिए मोवा को चुन लिया है। वहां के लगभग 45 हेक्टेयर (111 एकड़) इलाके के लिए प्रदेश का पहला टाउन प्लान बनेगा। इस प्लान के हिसाब से इलाके को इस तरह विकसित किया जाएगा कि सड़क समेत बुनियादी सुविधाओं की अगले 10 साल तक की जरूरत पूरी कर ली जाए। इसके लिए पहले इलाके का सर्वे होगा, जिसका जिम्मा निजी कंपनी को सौंपा जाएगा। केंद्र की इस स्कीम के तहत स्मार्ट सिटी ने टाउन प्लान का सिस्टम और प्रस्ताव तैयार कर लिया है। राज्य शासन से मंजूरी के तुरंत बाद इसका टेंडर जारी हो जाएगा। इसमें डेढ़ से दो महीने लगेंगे।
ठेका एजेंसी करेंगी काम
फिलहाल स्मार्ट सिटी को केवल योजना के लिए मोवा की प्रोफाइल को तैयार करने की जिम्मेदारी मिली है। ठेका एजेंसी इस पूरे काम को करेगी, एक बार शासन से मंजूरी मिलने के बाद इसका टेंडर निकाला जाएगा। शुरूआती सर्वे के दौरान इसमें आउटर पर ही फोकस किया गया था। जहां पर विकास के लिए कार्ययोजनाएं बनाई जा सकती हैं। इसी में मोवा को योजना के लिहाज से बेहतर माना गया है। प्रोफाइल तैयार होने के बाद नगर निगम का नगर निवेश और प्लानिंग विभाग दस साल में बनने वाली योजनाओं का खाका खींचकर इसके अनुरूप आगे काम करेगा।
दस साल के थ्री-डी मैप भी
बढ़ती आबादी के मद्देनजर पुराने शहर के लिए मोवा क्षेत्र किस तरह आने वाले दस साल में उपयोगी सुविधाएं मुहैया करा सकता है, इसे ध्यान में रखते हुए मोवा का विस्तृत प्रोफाइल तैयार किया जाएगा। यह अाधुनिक तरीके से बनेगा यानी इसमें थ्रीडी नक्शे, सैटेलाइट मैप, प्रोजेक्ट के डिजाइन वगैरह भी बनाए जाएंगे।
ऐसे बनेगा लोकल प्लान
लोकल एरिया प्लान बनाने के लिए मोवा में अभी जिन इलाकों में बसाहट है, उसी के बीच खाली पड़ी जमीन और अतिक्रमण की भूमि चिन्हित की जाएगी। यानी मोवा में भी किसी विशेष इलाके के बजाय पूरे वार्ड में नालियां, ट्रांसपोर्ट सिस्टम, पार्क आदि को व्यवस्थित करने का कंपलीट प्लान बनाया जाएगा। एक बार प्रोफाइल तैयार होने के बाद मोवा में आने वाले दस साल में बनने वाले किसी भी निर्माण के लिए इसी के अनुरूप अनुमति जारी की जाएगी।
केंद्रीय टाउन प्लानिंग स्कीम में रायपुर समेत ये 25 शहर
रायपुर, चेन्नई, इंदौर, बेंगलुरु, ग्रेटर विशाखापट्टनम, गुवाहाटी, वडोदरा, तिरुवनंतपुरम, वारंगल, पुणे, वाराणसी, जयपुर, अमृतसर, पटना, फरीदाबाद, भुवनेश्वर, रांची, पणजी, शिमला, न्यू कोलकाता, श्रीनगर, देहरादून, आइजाॅल, गंगटोक और इंफाल।
छोटे प्लाॅट पर भी फोकस
अभी तक शहर के लिए जिस तरह से एक दशक के लिए मास्टर प्लान बनाया जाता है, उससे लोकल एरिया प्लान की संरचना ही कुछ अलग रहेगी। इसमें छोटे से छोटे हिस्से के लिए भी बारीकी से प्लान बनाया जाएगा। यानी छोटे भूभाग का इस्तेमाल भविष्य में शहर की जरूरत के हिसाब से किस तरह उपयोगी साबित हो सकता है। इसके बारे में जानकारी रहेगी। एक तरह से ये एक एडिशनल मास्टर प्लान होगा।
सर्वे में 2 करोड़ रुपए खर्च
पूरा लोकल एरिया प्लान करीब 8 महीने में बनकर तैयार होगा। फिर इसको 2 महीने के भीतर शासन को दिया जाएगा। प्रोफाइल में सड़क, आवास, बाजार, ग्रीन स्पेस, मिक्स लैंडयूज, नालियां, पार्क आदि बिंदुओं को शामिल किया जाएगा। चुने हुए 25 शहरों को प्रति शहर 2 करोड़ का बजट भी प्रोफाइल तैयार करने के लिए मिल रहा है। प्लान बनने के बाद भविष्य के डेवलपमेंट योजनाओं के लिए केंद्र और राज्य सरकार दोनों फंड भी देंगी।
मौजूदा प्लान से यह अलग
स्मार्ट सिटी मिशन के तहत पुराने शहर के कोर और सघन इलाके को एबीडी प्लान में रखा गया है। जबकि पैन सिटी प्लान में पूरा शहर है। एलएपी प्लान में इसलिए आउटर इलाके पर फोकस किया जा रहा है। योजना में रायपुर शहर को लिए जाने से पुराने शहर के सुव्यवस्थित करने के लिए तितरफा फायदा मिलेगा, क्योंकि स्मार्ट सिटी एबीडी और पैन इलाके के लिए काम पहले ही कर रही है। इसके माध्यम से आउटर इलाका भी नए तरह से विकसित होगा।
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