मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान में जिले के 636 केन्द्रों के माध्यम से छोटे बच्चों, किशोरियों व महिलाओं का हीमोग्लोबिन की जांच की गई। केंद्रों में एक लाख 57 हजार 738 महिला एवं युवतियों की हिमोग्लोबिन जांच की गई। शिविर का आयोजन शाम 5 बजे तक किया गया। जिले के सभी गांवों व नगरों में महिलाएं, किशोरियों व महिलाओं ने उत्साह के साथ हीमोग्लोबिन की जांच करवाई।
कलेक्टर श्री पाठक ने जिला अस्पताल में आयोजित शिविर में स्वयं हीमोग्लोबिन की जांच करवाकर उपस्थित हितग्राहियों का उत्साह बढ़ाया। हिमोग्लाेबिन जांच करवाने करवाने आए हितग्राहियों से चर्चा की और रक्त अल्पता और एनिमिया से पीड़ित मरीजों को अलग से चिह्नांकित करने कहा। उन्होंने मरीजों को आयरन टेबलेट या सिरप आदि देने कहा। इसके अलावा छोटे बच्चों के इलाज के लिए समीप के पोषण पुनर्वास केन्द्र की जानकारी व वहां उपलब्ध सुविधाओं के बारे में बताने कहा।
एनीमिया के पहचान का तरीका बताया- डॉक्टर ने एनिमिया की पहचान करने के लिए मरीज को भूख ना लगना, सांस फूलना, थकावट, नाखूनों व जीभ का सफेद होना, पैरो में सूजन आना, कार्यक्षमता घटना, हथेली व तलवों में पीलापन हो सकता है। एनिमिया से बचाव के संबंध में बताया गया है कि खाने में नियमित हरि पत्तेदार आयरनयुक्त खाद्य पदार्थों को भोजन में शामिल करें। हर सप्ताह आयरन टेबलेट का सेवन करें। अनाज व दाल का सेवन करने से रक्त में हिमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ाई जा सकती है। इसके अलावा फलियां व सूखे मेवे का भी सेवन करना चाहिए।
चिकित्सकों ने इलाज के घरेलू तरीके भी बताए
चिकित्सकों ने बताया कि कम खर्चे पर घर में ही पौष्टिक भोजन तैयार किया जा सकता है। पौष्टिक पदार्थों को अपने नियमित भोजन में शामिल करना चाहिए। उन्हाेंने जो उपाय बताए उसके अनुसार मीठा नीम के पत्ते, मुनगा, पालक, लाल, पालक व मुनगा भाजी, चुकंदर, शहद, अनार, अण्डा, मछली, साबुत अनाज, सोयाबीन आदि खाने से हीमोग्लोबिन में इजाफा होता है। उन्होंने कहा कि हिमोग्लोबिन के बढ़ने से बच्चों का शारीरिक व मानसिक विकास अवरूद्ध नहीं होता।
दाल का सेवन करने से रक्त में हिमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ाई जा सकती है। इसके अलावा फलियां व सूखे मेवे का भी सेवन करना चाहिए।
पामगढ़ में 17 हजार लोगों की हुई जांच
860 महिला व बच्चियों की हुई जांच
देवरी में हुई 220 महिलाओं की जांच
पामगढ़ | शिविर में ब्लाक पामगढ़ के सभी सीएचसी, पीएचसी, उप स्वास्थ्य केंद्र व अन्य चिह्नांकित ग्रामों में तहसीलदार जयश्री पथे की उपस्थिति में प्रारंभ हुआ। बीईओ डॉ. सौरभ यादव ने बताया कि में 0 से 5 वर्ष की बालिकाओं, किशोरियों एवं 15 से 49 वर्ष के महिलाओं का निशुल्क हीमोग्लोबिन जांच की गई। जांच के लिए 72 बूथ बनाए गए, जिसमें 288 कर्मचारियों एवं 12 सुपरवाइजर की टीम का गठन किया गया। इसमें ब्लॉक स्तर पर 17 हजार के लगभग हितग्राहियों का हीमोग्लोबिन जांच की गई। उक्त जानकारी दी।
अकलतरा | मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान में वृहद् हीमोग्लोबिन निशुल्क जांच शिविर कापन के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं उप स्वास्थ्य केन्द्र में 15 से 49 आयु वर्ग के बालिकाओं एवं महिलाओं के रक्त की जांच की गई। शिविर में 860 महिलाओं एवं बालिकाओं के हीमोग्लोबिन की जांच की गई। शिविर को संबोधित करते हुए कापन के नवनिर्वाचित सरपंच गौतम ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के अभियान में 18 से 49 वर्ष आयु वर्ग की बालिकाओं एवं महिलाओं के हीमोग्लोबिन की निशुल्क जांच के लिए शिविर आयोजित किया गया है। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी विकास पांडेय ने कहा कि शरीर में रक्त का होना जरूरी होता है। हीमोग्लोबिन की जांच कराकर हम अपने शरीर में रक्त की मात्रा के बारे में जान सकते हैं। ग्रामवासी हीमोग्लोबिन की जांच अवश्य रुप से कराएं।
हीमोग्बोबिन की जांच कराने पहुंचीं महिलाएं।
देवरी-सारागांव | मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान में शिविर ग्राम पंचायत देवरी के सरस्वती शिशु मंदिर में लगाया गया। इसमें 0 से 5 वर्ष के बालिका एवं 15 से 49 वर्ष के 220 महिलाओं की जांच की गई। जांच शिविर में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सारागांव डॉ. जगदीश मिश्रा एएमओ, उप स्वस्थ्य केंद्र देवरी वसुंधरा साहू एएनएम, मितानिन प्रेरक रेखा करियारे, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता रुक्मणी पांडेय सहित गांव के मितानिनों का विशेष सहयोग रहा। अंचल के अमरूवा, कुम्हारीखुर्द, बघौदा, दारंग, पोड़ीकला, पेटफोरवा, कड़ारी, कुम्हारीकला, लछनपुर, हनुमंता, सोनियापाठ, नगर पंचायत सारागांव में भी मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान वृहद हीमोग्लोबिन निःशुल्क जांच शिविर लगाया गया, जहां स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता , गांवों के सभी मितानिन उपस्थित थे ।
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