- जिले में माफिया काे डर नहीं : सरकारी सिस्टम के सपोर्ट से 24 घंटे रेत का हो रहा खनन
- एक भी खदान का आवंटन नहीं, फिर नदी का दोहन कर माफिया ने उनका भूगोल ही बदला
Dainik Bhaskar
Feb 12, 2020, 12:16 PM IST
अतुल अग्रवाल। दुर्ग. छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में रेत माफिया सक्रिय हैं। उन्हें किसी का डर नहीं, न शासन और न ही प्रशासन का। रेत माफिया का दावा है कि प्रशासन को मैनेज करके चल रहे हैं। इस कारोबार में पंचायत के पंच से लेकर खनिज विभाग का अधिकारी, पटवारी सब कुछ सेट है। खास बात यह है कि जिले में अब तक एक भी रेत खदान का आवंटन नहीं हुआ है, बावजूद इसके धड़ल्ले के साथ शिवनाथ व खारुन नदी से रेत निकाली जा रही। कहीं कोई मॉनीटरिंग नहीं, न ही किसी की कोई लिमिट है।
यहां चल रहा उत्खनन, रिपोर्टर ने खुद को बताया ग्राहक
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इसका खुलासा दैनिक भास्कर द्वारा किए गए स्टिंग ऑपरेशन में हुआ। भास्कर रिपोर्टर ने खुद को ग्राहक बताकर रेत माफिया का स्टिंग किया। जिसके बाद इसका खुलासा हुआ। जिले में सबसे ज्यादा रेत का अवैध उत्खनन पाटन इलाके में खारुन और शिवनाथ नदी में हो रहा है। कौही से रेत निकाली जा रही। कौही के अलावा सिपकोन्हा, सोनपुर, तर्रीघाट, कुफरा, खुड़मुड़ी, केसरा, बोरेंदा से भी रेत निकाली जा रही। दुर्ग में कोनारी, भरदा, पीपरछेड़ी, कोटनी, ननकट्ठी, समोदा में खनन जारी है।
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खनन माफिया ने कहा- टीआई, तहसीलदार या पटवारी गाड़ी रोकते हैं तो तुरंत दे देते हैं पैसा
रिपोर्टर कारोबारी नमस्कार, मुझे रेत चाहिए थी, सस्ते में कहां मिल पाएगी? अभी तो दुर्ग में एक भी खदान की रायल्टी नहीं है, बाहर से ही आपके लिए रेत मंगानी पड़ेगी। कितने में मिल पाएगी, मुझे अरजेंट चाहिए था? अभी तो 500 फीट आपको 10 हजार में मिल जाएगी। आपको जरूरत है तो पहले बताना होगा। मुझे तो जानकारी मिली है कि अपने यहां से भी रेत निकल रही है? वो सब अवैध है भाई साहब, अभी पाटन से रेत आ रही है। आपको भी वहीं का रेत देंगे। कैसे निकल रहा है क्या आप दिला सकते हैं, क्या करना होगा? ट्रैक्टर से निकल रहा है, मशीन तो चल रही नहीं है, ट्रैक्टर से ही सिपकोन्हा, कौही, रानीतराई से ही रेत आ रही है रेत। मिल जाएगी कहां भेजना है। आप मुझे सस्ते दाम में रेत दिलवा दीजिए, क्या तरीका है? देखो भाई रेत धमतरी, राजिम, आरंग से अवैध आती है। लोडिंग व सेटिंग में सबको पैसा जा रहा। डिपार्टमेंट, पटवारी, तहसीलदार, पुलिस जो गाड़ी रोक ले रहा है, उसे पैसा देना पड़ता है। कम में तो नहीं मिल पाएगी। रायपुर में तो रायपुर साढ़े 600 से 700 तय हुई है, 500 लोडिंग चार्ज, फिर क्यों इतना अधिक रेट है रेत का? बताया ना, सबको देना होता है। इसलिए दाम बढ़े हुए हैं। -
जानिए क्या भूमिका है सिस्टम के लोगों की अवैध रेत खनन में
- खनिज विभाग: नियमित विजलेंस टीम जांच भी करती है। कार्रवाई न करने के एवज में खनन माफिया खनिज विभाग को पैसा देते हैं।
- पटवारी, आरआई, तहसीलदार, एसडीएम: राजस्व क्षेत्र होने की वजह से जांच के लिए इनकी जिम्मेदारी है।
- पंचायत: किसी प्रकार की शिकायत पंचायत से न हो, इसलिए खनन माफिया पंचायत को सेट करते हैं।
- आरटीओ: ओवरलोडिंग के मामले में उन्हें कार्रवाई का अधिकार होता है। इस वजह से आरटीओ विजिलेंस को भी खनन माफिया कमीशन देते हैं।
- पुलिस: गांव में रेत खनन की शिकायत पर तत्काल पुलिस न पहुंचे, इसलिए संबंधित थाने को माफियाओं की ओर से कमीशन दी जाती है।
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आप मुझे स्पॉट बताइए निश्चित रूप से अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई करेंगे
सवाल अंकित आनंद, कलेक्टर दुर्ग जिले में अब तक रेत खनन की अनुमति किसी को भी जारी नहीं हुई, फिर भी अवैध खनन जोरों पर है? ऐसा नहीं है, हम नियमित रूप से शिकायत मिलने पर कार्रवाई कर रहे हैं। हमने स्टिंग किया है, कौही, सिपकोन्हा जैसे गांव में खुलेआम दिन में ही रेत निकाली जा रही है? आप मुझे ऐसे गांव स्पॉट बताइए हम निश्चित रूप से कार्रवाई करेंगे। और कार्रवाई हो भी रही है। जिले के पाटन में सबसे अधिक रेत लदे हाइवा व अन्य वाहनों की आवाजाही हो रही, क्यों जांच नहीं हो रही? ऐसा नहीं है, नियमित रूप से जांच होती है। अकेले उन्हीं वाहनों को देखेंगे तो बात अलग है। हमने आज ऐसे वाहनों का ही स्टिंग किया, अवैध परिवहन वहां सबसे अधिक है? ऐसा नहीं है कि अवैध खनन जीरो है, कार्रवाई जारी है। शिकायत मिलने पर जरूर कार्रवाई होगी। इस संबंध में पहले ही विभागीय अधिकारी व राजस्व अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए गए हैं। -
अगर पुलिस की सांठगांठ सामने आएगी तो भूमिका स्पष्ट होने पर कार्रवाई होगी
सवाल अजय यादव, एसएसपी, दुर्ग दुर्ग जिले में शिवनाथ नदी और खारून नदी अवैध रेत उत्खनन धड़ल्ले से हो रहा है, खनन माफिया कह रहे पुलिस से सेटिंग करके इसे अंजाम दे रहे हैं? नदियों में अवैध उत्खनन पर कार्रवाई करने की जिम्मेदारी माइनिंग विभाग की है। खनन माफिया खुलासा कर रहे हैं कि इसमें पुलिस की मिलीभगत है, भूमिका पर सवाल उठाए हैं, क्या करेंगे? अगर पुलिस की सांठगांठ सामने आएगी तो निश्चित तौर पर भूमिका स्पष्ट होने पर जिम्मेदार के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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