जिले के चिंतलनार थाना क्षेत्र के गांव मुकरम और तण्ोंगपाल थाना क्षेत्र के गांव कोलोमकोंटा में शुक्रवार व शनिवार की दरम्यानी रात नक्सलियों ने अपने ही दो पूर्व साथियों की पुलिस मुखबिरी के संदेह में धारदार हथियार से हत्या कर दी। एसपी शलभ सिन्हा ने दोनों वारदातों की पुष्टि करते हुए बताया कि नक्सली पुलिस द्वारा चलाए जा रहे ऑपरेशन से बौखला कर ग्रामीणों की हत्या कर रहे हैं।
एसपी ने कहा कि शुक्रवार व शनिवार की दरम्यानी रात मुकरम व कोलोमकोंटा में हुई नक्सली हत्या की वारदात में मारे गए ग्रामीण मुचाकी हड़मा और माड़वी हुर्रा दोनों ही नक्सली मामलों में जेल की सजा काटकर कुछ सालों पहले ही रिहा हुए थे। दोनों शव औपचारिकता के बाद परिजनों को सौंपने की बात एसपी ने कही।
मृतक हड़मा की प|ी को निर्वस्त्र कर पीटा
शुक्रवार रात लगभग 9 बजे ग्रामीण वेशभूषा में धारदार हथियार से लैस कुछ नक्सली तोंगपाल थाने से करीब सात किमी दूर कोलोमकोंटा पहुंचे। हड़मा व अन्य लोगों की पिटाई शुरु कर दी। हड़मा ने भागने की कोशिश की इसी दौरान नक्सलियों ने धारदार हथियार से हड़मा के सिर पर वार कर उसकी हत्या कर दी। हड़मा की प|ी मंगली को निर्वस्त्र कर नक्सलियों ने डंडे से जमकर पिटाई की। बताया गया कि हड़मा के तीन बच्चे हैं। इनके अलावा गांव के मड्डाराम कवासी, लखमा कुंजाम व एक अन्य महिला की भी नक्सलियों ने डंडे से पिटाई की है।
भाई के सरेंडर करने से नाराज थे नक्सली
तोंगपाल थाना क्षेत्र के कोलोमकोंटा निवासी मुचाकी हड़मा को नक्सली मामले में पुलिस ने साल 2015 में पहली बार गिरफ्तार किया था। जेल से छूटकर आने के बाद हड़मा गांव के ही प्राइमरी स्कूल में रसोईये का काम कर आम जिंदगी जी रहा था। एसपी शलभ सिन्हा ने बताया कि कुछ महीने पहले ही हड़मा के भाई मुचाकी हांदा ने दंतेवाड़ा पुलिस के सामने सरेंडर किया है। इसके अलावा हड़मा की बहन ने भी बस्तर बटालियन का हिस्सा बनने के लिए प्रयास किया था। नक्सली इन्हीं बातों को लेकर हड़मा से नाराज चल रहे थे।
नक्सलियों द्वारा फूंकी गई बाइक।
सुकमा। मृतक मुचाकी हड़मा के शव के पास बिलखते परिजन।