थी चरित्रावली
जिले के शिक्षा विभाग टी संवर्ग के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों ने कलेक्टर से मुलाकात कर अपनी समस्या से अवगत कराते हुए न्याय की गुहार लगाई है। संघ के जिलाध्यक्ष आदेश कुमार रवि ने बताया कि वरिष्ठता सूची में पदभार ग्रहण तिथि से पहले के हैं, तब भी कर्मचारियों को पदोन्नति से वंचित होना किया जा रहा है।
शिकायत में कहा गया है कि बलरामपुर जिला में पदभार ग्रहण तिथि से वरिष्ठता मानकर वरिष्ठता सूची जारी किया गया है। प्रदेश के अन्य जिलों और कई विभागों में भी पदभार ग्रहण दिनांक से वरिष्ठता दिया जा रहा है, लेकिन सूरजपुर जिला की जारी वरिष्ठता सूची में कई त्रुटियां हैं। रवि ने बताया कि यहां पर प्राविधिक सूची की श्रेणी में आने वाले कर्मचारी जिनका जुलाई 2014 में अलग से नियुक्त आदेश जारी हुआ है, लेकिन वर्तमान में उन्हें जनवरी 2014 की मूल आदेश सूची में शामिल कर नियुक्ति आदेश के क्रम वरिष्ठता में जोड़कर लाभ दिया जा रहा हैं।
जिले में अंतिम वरिष्ठता सूची प्रकाशन के पूर्व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष द्वारा 17 फरवरी को ही वरिष्ठता सूची में सुधार करने के लिए आवेदन पत्र प्रस्तुत किया था, जिसका निराकरण नहीं किया गया। आनन-फानन में जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा 22 फरवरी को गोपनीय तरीके से अंतिम वरिष्ठता सूची का प्रकाशन कर दिया गया और इसे सार्वजनिक भी नहीं किया गया। 24 फरवरी को ही बैक डेट से गोपनीय चरित्रावली मंगाया गया और उसी दिन को अंतिम तिथि बता दिया गया।
नहीं हो सकी कई की गोपनीय चरित्रावली
24 फरवरी को उपसरपंच का चुनाव होने के कारण कई प्रधान पाठक एवं प्राचार्यों की डयूटी लगाया गया था। इससे समय पर बहुत से प्रधान पाठक और प्राचार्यों द्वारा गोपनीय चरित्रावली उपलब्ध नहीं कराया जा सका, इससे कर्मचारियों का गोपनीय प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं हो सका और कर्मचारी वंचित हो जा रहे हैं। इसी वरिष्ठता सूची में सन 1981 से 2013 तक के कर्मचारियों को पदभार ग्रहण तिथि से वरिष्ठता दिया जा रहा है, लेकिन 2014 से वर्तमान स्थिति तक के कर्मचारियों को नियुक्ति आदेश के क्रम में वरिष्ठता दिया जा रहा है। इस पर लोगों ने आपत्ति दर्ज कराई है।