हाईकोर्ट ने एनजीओ के माध्यम से एक हजार करोड़ रुपए के घोटाले पर 12 आईएएस और आईपीएस अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज कराने का आदेश दिया है। जिसमें केन्द्रीय मंत्री एवं तत्कालीन महिला बाल विकास मंत्री रेणुका सिंह पर भी सवाल उठ रहे हैं। इस पर केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह ने खुद को बेगुनाह बताते हुए हाईकोर्ट और सीबीआई के सम्मान की बात कही है। रेणुका सिंह के अनुसार वे 2004 में मात्र 18 महीने के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्री रही थीं, जबकि यह पूरा मामला 2010 का बताया जा रहा है। ऐसे में उन पर अाराेप सही नहीं है। उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट के निर्देश पर कहीं भी उनका नाम नहीं है। उन्होंने सीबीआई को पूरा सहयोग करने का आश्वासन दिया है। सीबीआई उनको पूछताछ के लिए बुलाती है तो वह अपना बयान दर्ज कराने जरूर जाएंगी।