बसदेई चौकी क्षेत्र से शनिवार को चोरी हुई कार को 24 घंटे के अंदर बरामद करने के मामले में पुलिस जहां अपनी पीठ थपथपा रही है, वहीं पुलिस विभाग के ही एक कर्मचारी की एक साल पहले चोरी हुई कार का अभी तक पता नहीं लगा सका है। मालूम हो कि शनिवार को डबरीपारा निवासी मुकेश यादव ने पुलिस से शिकायत की कि शुक्रवार की रात उनके जीजा की स्विफ्ट कार नंबर सीजी 15 डीए 9800 को अज्ञात चोर घर के सामने से चोरी कर ले गए।
पुलिस ने चोरी की रिपोर्ट दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी। पूछताछ में पुलिस को जानकारी मिली कि मुकेश की बहन मीना यादव जो अंबिकापुर बस स्टैंड के पास रहती हैं और एक संदिग्ध श्रवण कुमार यादव उर्फ भोलू उर्फ सिद्वार्थ यादव की उनसे जान-पहचान है। संदेही कुछ दिनों से कार के बारे में जानकारी भी ले रहा था। इस पर पुलिस ने ग्राम कसकेला थाना भटगांव में दबिश दी, लेकिन वहां नहीं मिला। इस पर पुलिस को चोरी हुई कार घाट पंडारी के पास मिली। यह देख कार चालक भागने लगा। पुलिस टीम धनवार बैरियर तक पीछा कर कार को पकड़ लिया। पूछताछ में आरोपी श्रवण कुमार यादव ने बताया कि लालच में उसने कार को चोरी कर लिया था। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। जहां इस मामले में पुलिस ने 24 घंटे के अंदर चोरी गई कार को बरामद कर लिया वहीं दूसरी ओर पुलिस विभाग के आरक्षक राजेश पटेल के घर से नौ जनवरी 2019 को चोरी हुई स्कॉर्पियो बरामद नहीं कर पाई है। आरक्षक ने इसकी शिकायत एसपी से की। जिस पर टीम गठित कर खोजबीन शुरू की गई। टीम में में आरक्षक को भी शामिल किया गया। आरक्षक ने बताया कि टीम ने झारखंड में कुछ आरोपियों को गिरफ्तार किया, लेकिन बाद में छोड़ दिया और राजेश को जांच से हटाकर ओड़गी थाने में ट्रांसफर कर दिया।