Monday, December 23, 2024
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Chhattisgarh News In Hindi : The result of the negligence of engineers … Dhansi road, swinging bridge | इंजीनियरों की लापरवाही का नतीजा…धंसी सड़क डोलते पुल

  •  सभी जिम्मेदार अफसरों के नाम है जांच रिपोर्ट में, भास्कर ने किया था खुलासा
  •  दोषियों को हटाने का सिलसिला शुरू हुअा था एक माह पहले से, कार्रवाई अब जाकर
  •  काम चलता रहा और कंसल्टेंट कंपनी ओके सर्टिफिकेट देती रही, इसलिए फंसी

Dainik Bhaskar

Feb 27, 2020, 01:53 AM IST

रायपुर . रायपुर स्टेशन से शदाणी दरबार तक बनाए जा रहे 12 किमी के एक्सप्रेस-वे के निर्माण में हुई जिन इंजीनियरों की कथित लापरवाही से बड़ी गड़बड़ियां हुईं, उनके नाम डेढ़ माह पहले शासन को दो एजेंसियों की तरफ से सौंपी गई जांच रिपोर्ट में अा गए थे। इस रिपोर्ट का खुलासा दैनिक भास्कर ने किया था और बुधवार को पीडब्लूडी मंत्री ताम्रध्वज साहू ने विधानसभा से जिन इंजीनियरों को सस्पेंड करने की घोषणा की, वह सारे नाम इस रिपोर्ट में हैं। इस कार्रवाई के साथ ही साफ हो गया कि एक्सप्रेस-वे की जगह-जगह धंस रही सड़क और बने हुए पांचों फ्लाईओवर की डोलती रीटेनिंग वाॅल सरकारी लापरवाही का नतीजा था। यही नहीं, जिस कंसल्टेंट कंपनी को शासन ने 1.18 करोड़ रुपए की वसूली का नोटिस दिया है, उसने पूरे निर्माण के लिए आंखें मूंदकर ओके सर्टिफिकेट जारी भी कर दिए। माना जा रहा है कि अभी एक-दो अाला अफसर भी इसकी जद में अा सकते हैं, जिन्हें पद से तो हटा दिया गया था लेकिन उसके बाद से अब तक शासन ने कोई कार्रवाई नहीं की है। 

एक्सप्रेस-वे के मामले में कार्रवाई के साथ ही लगभग 345 करोड़ रुपए के इस प्रोजेक्ट में हुई गड़बड़ियां साबित हो गई हैं। इसे छोटी रेलवे लाइन (नैरोगेज) की जमीन पर बनाया गया है। निर्माण छत्तीसगढ़ सड़क विकास निगम (सीआरडीसी) के अधीन गुजरात की कंपनी आयरन ट्राइएंगल ने किया है। मध्यप्रदेश की लायन इंजीनियरिंग कंसल्टेंट कंपनी को निर्माण की देखरेख के लिए नियुक्त किया गया था। सड़क का काम पिछली सरकार के कार्यकाल में हुअा। नई सरकार के अाने के बाद उद्घाटन हुए बिना इस सड़क पर थोड़ा ट्रैफिक भी चलने लगा, लेकिन जुलाई-अगस्त में ओवरब्रिज की सड़क धंसने के साथ ही निर्माण में लापरवाही की परतें उधड़ने लगीं। 

इतनी गड़बड़ियां, आईएफएस राय और महाप्रबंधक सोलंकी पहले ही हटाए गए
दो एजेंसियों से जांच के बाद घटिया निर्माण के पुख्ता प्रमाण मिले, तब सरकार ने सीआरडीसी के महाप्रबंधक जीएस सोलंकी को हटा दिया। इस सड़क के निर्माण में गड़बड़ियां उतनी व्यापक हैं कि सोलंकी के बाद कद्दावर माने जाने वाले अाईएफएस अनिल राय को भी सीअारडीसी के एमडी और पीडब्लूडी सचिव पद से हटाया गया। उनकी जगह अाईएएस सिद्धार्थ कोमल परदेसी को यह जिम्मेदारी दी गई है। अफसरों ने बताया कि विधानसभा से निलंबित हुए इन छह इंजीनियरों को अब उनके मूल विभागों में भेज दिया जाएगा, जहां उनकी जांच होगी।

तोड़ा इसलिए… पुल इतने जर्जर कि मरम्मत संभव नहीं
एक्सप्रेस-वे में गड़बड़ी की जांच के लिए शासन ने एक कमेटी बनाई थी। कमेटी ने अपनी 138 पेज की रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे किए, जो केवल भास्कर के पास है। इसके मुताबिक एक्सप्रेस-वे के फाफाडीह, देवेंद्र नगर, पंडरी, शंकरनगर, तेलीबांधा फ्लाईओवर पर बनी साढ़े 3 किमी सड़कों को पूरी तरह उखाड़ना पड़ेगा। सड़कों के धंसने से सभी फ्लाईओवर की रीटेनिंग वॉल एक बैंड होने लगी हैं। इसलिए इसे भी तोड़ना पड़ेगा। रिपोर्ट में मुख्य तकनीकी परीक्षक (सीटीआई) और एनआईटी की साझा जांच का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि स्टेशन से तेलीबांधा के बीच 12 किमी एक्सप्रेस-वे के सभी 5 फ्लाईओवर में घटिया निर्माण हुआ है। ये इतना घटिया है कि नया बनाना ही होगा, मरम्मत हो ही नहीं सकती। ठेकेदार के खिलाफ इसलिए कार्रवाई नहीं की गई है कि क्योंकि जो भी गड़बड़ियां निर्माण में हुई हैं, ठेका कंपनी ही उसे सुधारेगी।

कार्रवाई इसलिए…विधानसभा में उठाया गया मामला
विधानसभा के प्रश्नकाल में जोगी कांग्रेस के विधायक धर्मजीत सिंह ने रायपुर में एक्सप्रेस-वे में अनियमितता का मामला उठाते हुए पूछा था कि निर्माण का जिम्मा प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ सिंचाई अफसरों पर था। जांच रिपोर्ट में 12 बिन्दुओं में गड़बड़ी का जिक्र है। रिपोर्ट आने के बाद भी जिम्मेदार अफसरों आैर ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई?  पीडब्ल्यूडी मंत्री ताम्रध्वज साहू ने जवाब में कहा कि एक्सप्रेस वे के निर्माण की जांच मुख्य तकनीकी परीक्षक (सतर्कता) से कराई गई है। जांच रिपोर्ट में गड़बड़ी की पुष्टि हुई है। उन्होंने यह भी बताया कि इस सड़क के निर्माण के लिए बनी सलाहकार कंपनी को हटाकर उसे एक करोड़ 18 लाख की राशि की वसूली की नोटिस जारी की गई है। उन्होंने एक्सप्रेस-वे के निर्माण के सुपरविजन में गड़बड़ी की बात स्वीकार की और कहा कि इसीलिए 6 अफसरों को सस्पेंड किया गया है।  

ऐसी तोड़फोड़ पहली बार

  •  बेस डालकर एक माह दबाना था, 7 दिन में ही शुरू किया काम
  •  पुल और सड़क के कांपेक्शन के 51 सैंपल में ज्यादातर फेल
  •  सभी 5 फ्लाइओवर की सड़कों पर डामर-गिट्‌टी अनुपात गड़बड़
  •  पुलों का निचला हिस्सा धंसने से टेढ़ी हो गईं रिटेनिंग वॉल   

अब आगे… तेजी से चलेगा काम अक्टूबर तक बन जाएगी सड़क

प्रशन : कार्रवाई का निर्माण की रफ्तार पर असर?
अफसरों को उनके मूल विभाग में भेजा जाएगा। नए अफसर तैनात होंगे। इसमें एक हफ्ता लगेगा। नए अफसर काम शुरू कर देंगे इसलिए निर्माण में हफ्ते-दस दिन का असर ही होगा। 
प्रशन : कामकाज किसकी देखरेख में होगा?
सड़क विकास निगम (सीआरडीसी) ने मुंबई की कंपनी को सलाहकार बनाया है। इसी कंपनी के अफसरों की देखरेख में जर्जर हिस्से को तोड़कर बनाने का काम चल रहा है। 
प्रशन : दोबारा कब तक बन जाएगी सड़क?
अब एक्सप्रेस-वे के जर्जर हिस्से का तेजी से काम होगा। निर्माण कंपनी को ही पूरी सड़क व पुल बनाकर सीआरडीसी को हैंडओवर करना होगा। अक्टूबर तक शुरू हो पाएगा।  
प्रशन : सीआरडीसी का क्या होगा भविष्य?
गड़बड़ियों के कारण विवादित हुई सीआरडीसी को तब तक भंग नहीं किया जा सकता, जब तक उसके प्रोजेक्ट चल रहे हैं। इसके बाद यहां पीडब्ल्यूडी के अफसर लाए जा सकते हैं।


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