शासकीय प्राथमिक शाला बोरीगारका में शनिवार को दादा-दादी, नाना-नानी सम्मान समारोह मनाया गया। कार्यक्रम में उपस्थित दादा ईश्वर गजपाल ने बच्चों को बताया कि आज एकल परिवार की चलन ने बच्चों को उनके दादा-दादी के प्यार, दुलार से वंचित कर दिया है। आज बच्चों को कहानी सुनाने वाली दादी की कमी है। स्कूल के शिक्षाविद पुनुक गजपाल ने कहा कि मम्मी पापा से अधिक लाड़ प्यार बच्चों से उनके दादा-दादी करते है। पहले पिता अपने बच्चों के पढ़ाई लिखाई को लेकर चिंतित रहते थे। अब नातियों की पढ़ाई की चिंता दादा-दादियों को भी अधिक रहती है। पुनुक गजपाल ने बताया कि शहर के अपेक्षा गांव में आज भी दादा-दादी और नातियों का प्यार, जुड़ाव देखने को मिलता है। गांव के माहौल आज भी पारिवारिक है। कार्यक्रम में पूजा, फलेश, गुलशन, विद्या, रिया दुर्गा, रेशमा, निकिता, प्रिया, ऋषभ ने देवी वंदना, प्रेरणा गीत, माता-पिता भक्ति गीत सुनाए। समारोह में बच्चो ने बुजुर्गों को श्रीफल देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में शिक्षिका ज्योति देशमुख, झमिता यादव प्रभारी हेडमास्टर प्रहलाद कुमार सिन्हा, ऊबी साहू, हेमलता यादव सहित माताएं उपस्थित थे।
बोरीगारका स्कूल में दादा-दादी सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।
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