बछराज कुंवर नामक धार्मिक स्थल में ट्रस्ट बनाए जाने के निर्णय का आदिवासी समाज ने विरोध किया है। इसे लेकर बछराज कुंवर में प्रशासन ने आदिवासी समाज की सभा नहीं हाेने दिया, इसे लेकर समाज के लोगों में गुस्सा है। इस पर आदिवासी नेताओं ने 17 मार्च को जेल भरो आंदोलन की चेतावनी दी है।
समाज की मांग है कि बछराज कुंवर में पारंपरिक रूप से बैगाओं के माध्यम से ही पूजा पाठ होने दिया जाए, वहां ट्रस्ट न बनाया जाए। ग्राम पंचायत मानपुर में स्थित बाबा बछराज कुंवर धार्मिक स्थल पर माघ पूर्णिमा पर बछराजकुंवर में सभा का आयोजन किया गया था। जिसमें सरगुजा संभाग के आदिवासी बैगा, मुखियाओं को बुलाया गया था। इस पर प्रशासन ने अनुमति नहीं दी थी। इसके बाद भी वहां कार्यक्रम करने की तैयारी थी। इसकी सूचना मिलते ही एसडीएम समेत पुलिस के अधिकारी वहां पहुंच गए और कार्यक्रम को रोक दिया गया।
इसके बाद एसडीएम बालेश्वर राम ने आदिवासी महासभा के पदाधिकारियों से चर्चा कर वहां से 20 किलोमीटर दूरी पर चलगली हाई स्कूल में कार्यक्रम कराया। मामले में आदिवासियों ने प्रशासन को आगाह किया है कि 17 मार्च को आदिवासियों की विशाल सभा बच्छराज कुंवर स्थल पर भी होगी। इसे रोका गया तो जेल भरो आंदोलन किया जाएगा। आदिवासी नेताओं ने कहा है कि परंपरा के अनुरूप संविधान के तहत करवाई करने एवं धार्मिक संस्कृति की रक्षा की आजादी है।
किसी भी तरह की बाहरी दखलंदाजी न की जाए। अधिकारों का हनन आदिवासी युवतियों के साथ गैर आदिवासी समाज के लोग शादी कर उनके नाम पर जमीन की खरीद बिक्री एवं आदिवासियों के लिए आरक्षित पदों पर चुनाव लड़कर कर रहे हैं। इस पर भी सख्त कदम उठाए जाने की मांग की गई है।
आदिवासी समाज की सभा में मौजूद पदाधिकारी।
टकराव की बन रही थी स्थिति, इसलिए लिया निर्णय
वाड्रफनगर एसडीएम बालेश्वर राम का इस संबंध में कहना है कि आदिवासी महासभा व समिति के बीच हो सकता था टकराव आदिवासी महासभा काे बछराज कुंवर में इसलिए रोक दिया गया, क्योंकि आदिवासी महासभा ने ट्रस्ट नहीं बनाने के तर्क के साथ प्रकरण मेरे न्यायालय में लगाया है। अब तक उस पर फैसला नहीं आया है, जबकि बछराज कुंवर में जो समिति लेखा जोखा देख रही है। वह ट्रस्ट बनाने की पक्षधर है। ऐसे में अगर वहां सभा होती तो दोनों के बीच टकराव हो सकता था। कानून व्यवस्था को देखते हुए कार्यक्रम नहीं होने दिया गया।
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