सभी समस्या का समाधान ईश्वर के हाथ में है। जीवन को सार्थक कर मनुष्य में अमर चेतना जागृत करें, तभी मानव का कल्याण होगा। बगैर मानव कल्याण का समाज अधूरा है। ऐसी कोई दवा नहीं, जिससे मनुष्य का चरित्र परिवर्तन हो। सिर्फ ठाकुर अनुकूल जी की दीक्षा लेकर उनके बताए रास्ते पर चलने से ही चरित्रवान मनुष्य बना जा सकता है। मनुष्य को सत्य और निष्ठा का सही मार्गदर्शन सत्संग से मिल सकता है। उक्त बातें श्री श्री ठाकुर अनुकूलचंद्र जी के 132 वें जन्मोत्सव पर सत्संग केंद्र सोनावनी मे धर्म सभा को संबोधित करते हुए ऋत्विक के सामल ने कही।
उन्होंने कहा कि श्री श्री ठाकुर अनुकूलचंद्र जी की वाणी किसी एक समुदाय या धर्म के लिए नहीं है, बल्कि संपूर्ण समाज के लिए है। उन्होंने कहा कि ठाकुर जी की वाणी है, समग्र संदेह का निराकरण कर लोगों में विश्वास पैदा करें। जब तक संदेह का निराकरण नहीं होगा, तब लोग विश्वास नहीं करेंगे। विश्वास से ही ज्ञान की प्राप्ति होती है। टाटानगर से आए सह ऋत्विक गंगा प्रसाद सिंह ने कहा कि ठाकुर जी युग पुरुषोत्तम हैं। उनकी वाणी अमृत समान है। मनुष्य को अपने भीतर हीन भावना नहीं रखनी चाहिए। उनके मन में यदि किसी प्रकार का संदेह होता है, तो उन्हें उसके निराकरण के लिए संबंधित लोगों से संपर्क करना चाहिए। धर्म सभा को कोरबा के सह रित्विक गौतम नंदी विश्रामपुर के निरंजन अधिकारी ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में पं. सुमीत बरन मुखर्जी, राकहरि मजूमदार, देवेंद्र सिंह, मलय देवनाथ, बादल चंदा, विधानराय चौधरी, प्रफुल्ल पोलाई, राजेश्वर श्रीवास्तव सहित सत्संगी वृंद के साधक-साधिका और बच्चे बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
समाज में नारियों की भूमिका विषय पर की चर्चा
कार्यक्रम स्थल से शोभायात्रा निकाली, भजन गीत और बालिकाओं के नृत्य ने माेहा मन,
श्री श्री अनुकूल ठाकुर जी के 132 वें जन्मोत्सव कार्यक्रम की शुरुआत सत्संग केंद्र सोनावनी में वेद मांगलिक से किया गया। इसके बाद उषा कीर्तन और सामूहिक प्रार्थना, ग्रंथादि का पाठन व कीर्तन किया गया। अल्पहार के बाद श्री श्री ठाकुर अनुकूल चंद्र जी की शोभायात्रा के सामल, गंगाप्रसाद सिंह, गौतम नंदी व निरंजन अधिकारी की अगुवाई में कार्यक्रम स्थल से निकाली गई। शोभायात्रा डोमनहिल नगर भ्रमण करते हुए फिर सत्संग केंद्र पहुंची। इसके बाद सत्संग, संगीता व धर्म सभा का आयोजन हुआ। इसमें विधानराज चौधरी सहित अन्य क्षेत्रों से आए सत्संगी ब्रिंदो ने भजन गीत और बालिकाओं ने आकर्षण नृत्य प्रस्तुत किए।
धर्म सभा में विभिन्न स्थानों से आए अनुयायियों ने श्री श्री ठाकुर अनुकूल चंद्र जी के जीवनी पर प्रकाश डाला। मातृ सम्मेलन में गुरु बहनों ने श्री श्री ठाकुर अनुकूल चंद्र जी और बड़ी मां के जीवनी पर प्रकाश डाला। आनंद बाजार के बाद परिवार व समाज में नारियों की भूमिका और विश्व की मूल समस्याओं के समाधान में भाव आदर्श पर परिचर्चा के बाद समापन किया गया।
श्री श्री ठाकुर अनुकूलचंद्र जी के 132 वें जन्मोत्सव पर सत्संग का आयोजन
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