भोपाल। लाड़ली लक्ष्मी योजना (Ladli Laxmi Yojna) मंगलवार को 17वें साल में प्रवेश कर गई। आपको बता दें कि 2 मई 2007 को यह योजना शुरू हुई थी। इस मौके पर मुख्यमंत्री निवास में राज्य स्तरीय लाड़ली लक्ष्मी उत्सव हुआ। मंच पर पहुंची खुशबू राउत के अनुभव सुनकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की आंखें नम हो गई। भोपाल के रचना नगर की खुशबू राउत ने बताया कि जब वह चार साल की थी और उसकी एक बहन 11 महीने की थी, तब उसके माता-पिता का देहांत हो गया। दो मौसियों ने उनका लालन-पालन शुरू किया, लेकिन उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। दोनों बहनों को लाड़ली लक्ष्मी योजना का लाभ मिला तो उन्होंने स्कूल में पढ़ाई शुरू की। मुझे लाड़ली लक्ष्मी योजना के तहत स्कूल में छात्रवृत्ति मिली। इसके बाद दोनों बहनों को मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना का लाभ भी मिल रहा है। इसके तहत मुझे और मेरी बहन को चार-चार हजार रूपये महीने मिल रहे हैं। खुशबू ने ईश्वर का धन्यवाद देते हुए कहा कि मैं भाग्यशाली हूं जो मध्य प्रदेश में पैदा हुई, जहां के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मामा जी हैं। यह सुनकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भावुक हो गए उनकी आंखें नम हो गईं, जबकि उनके साथ मंच पर बैठ चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग की आंखों में आंसू आ गए। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि लाड़ली लक्ष्मी योजना ने लोगों को सोच को बदल कर रख दिया है। उन्होंने कहा कि बेटियां माता-पिता का अंतिम समय तक साथ देती हैं। इस दौरान मुख्यमंत्री ने लाड़ली लक्ष्मी योजना शुरू होने के बाद से अब तक हुए बदलाव की कहानी भी सुनाई। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लाड़ली लक्ष्मी उत्सव में प्रदेश की 13 लाख 30 हजार बेटियों के खाते में ₹366 करोड़ 21 लाख की राशि का अंतरण भी किया। उन्होंने बताया कि अब तक मुख्यमंत्री लाड़ली लक्ष्मी योजना के तहत प्रदेश में अब तक ₹373 करोड़ से ज्यादा की छात्रवृत्ति का वितरण किया जा चुका है।