बीजिंग: नए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को लेकर चौतरफा आलोचना झेल रहा चीन अब यह दर्शाने में जुट गया है कि उसके फैसले को हांगकांग (Hong Kong) में समर्थन प्राप्त है. इसके लिए वह हांगकांग के वरिष्ठ अधिकारियों के लगातार संपर्क में है और उनसे कानून का समर्थन करने के लिए कहा गया है. पिछले कुछ दिनों में अधिकारियों के साथ कई दौर की बैठकें हो चुकी हैं.
सूत्रों के अनुसार, बीजिंग ने मंत्रियों और उपसचिवों के साथ पिछले तीन हफ्तों में कई बार प्रस्तावित कानून पर बातचीत की है. चीन के साथ बैठक में शामिल रहे एक अधिकारी ने बताया कि उन्हें दायरे में रहते हुए पुरजोर तरीके से कानून का समर्थन करने को कहा गया है. साथ ही चीन ने कानून लागू करने के पीछे की वजह भी समझाई और उसके कार्यान्वयन जुड़े कुछ मुद्दों को स्पष्ट किया है.
एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जिस तरह से चीन राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के मुद्दे पर समर्थन प्राप्त करने की कोशिश कर रहा है,वैसा पहले कभी देखने को नहीं मिला. जानकारी के मुताबिक, नेशनल पीपुल्स कांग्रेस स्टैंडिंग कमेटी ने अगले गुरुवार से तीन दिवसीय बैठक बुलाई है. हालांकि, इस बैठक के मुख्य एजेंडे में प्रस्तावित कानून का जिक्र नहीं है, लेकिन विधायिका के सर्वोच्च निकाय में हांगकांग के एकमात्र प्रतिनिधि ताम यियू-चुंग (Tam Yiu-chung) का कहना है कि इसे आखिरी मिनट में शामिल किया जा सकता है.
क्या है कानून?
चीन के इस नए कानून में देशद्रोह, आतंकवाद, विदेशी दखल और विरोध-प्रदर्शन जैसी गतिविधियों को रोकने का प्रावधान होगा. इसके अलावा, अब चीनी सुरक्षा एजेंसियां हांगकांग में काम भी कर पाएंगी. मौजूदा व्यवस्था के तहत उन्हें इसकी इजाजत नहीं है. साथ ही चीन के राष्ट्रगान का अपमान करना भी अपराध के दायरे में आ जाएगा. बीजिंग की यह कवायद एक तरह से हांगकांग के अर्ध-स्वायत्त दर्जे को समाप्त करने के लिए है.
लगातार हो रहा विरोध?
जब चीनी सरकार ने नया कानून लाने की घोषणा की थी, तभी से इसका विरोध हो रहा है. कई मानवाधिकार संगठनों और अंतरराष्ट्रीय सरकारों ने भी इस कानून पर आपत्ति जताई है. आलोचकों को डर है कि इस कानून से बीजिंग में नेतृत्व पर सवाल उठाने, प्रदर्शन में शामिल होने और स्थानीय कानून के तहत अपने मौजूदा अधिकारों का उपयोग करने के लिए हांगकांग निवासियों पर मुकदमा चलाया जा सकता है. हालांकि, हांगकांग में अधिकारियों का कहना है कि यह कानून बढ़ती हिंसा और आतंकवाद पर लगाम लगाने के लिए आवश्यक है और क्षेत्र के निवासियों को इससे डरने की जरूरत नहीं है.