- शिवराज ने दशमत से मांगी माफी
- सीधी में युवक द्वारा किये गए अमानवीय कृत्य से पीड़ित दशमत से मुख्यमंत्री शिवराज ने सीएम हाउस में की मुलाकात
भोपाल। मध्य प्रदेश के इतिहास में गुरूवार का दिन स्वर्ण अक्षरों में दर्ज हो गया। मुख्यमंत्री निवास में ’कृष्ण’ और ’सुदामा’ का चरित्र जीवंत दिखाई दिया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीधी के दशमत के पैर पखारे, आरती उतारी और उससे माफी भी मांगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने शॉल ओढ़ाकर शिवराज ने दशमत का सम्मान किया। उन्होंने कहा, इस घटना से दुखी हूं। मैं आपसे माफी मांगता हूं। आप जैसे लोग मेरे लिए भगवान जैसे हैं।
मुख्यमंत्री ने दिया स्नेह
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आदिवासी युवक का हाथ पकड़कर उसे भीतर ले गए। कुर्सी पर बैठाया। पांव धोए, आरती उतारी और तिलक लगाया। मुख्यमंत्री ने दशमत की आरती उतारी, शॉल ओढ़ाकर सम्मान किया और गणेशजी की प्रतिमा भेंट की।
परिवार के बारे में ली जानकारी
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने युवक दशमत को सुदामा कहा। बोले- तुम अब मेरे दोस्त हो। सीएम ने पूछा- क्या करते हो? घर चलाने के क्या साधन हैं? कौन सी योजनाओं का लाभ मिल रहा है? यह भी पूछा कि बेटी को लक्ष्मी और पत्नी को लाड़ली बहना योजना का लाभ मिल रहा है या नहीं। मुख्यमंत्री ने दशमत ने कहा- बेटी को पढ़ाना, बेटियां आगे बढ़ रही हैं।
यह था मामला
आपको बता दें कि सीधी जिले में प्रवेश शुक्ला नामक युवक ने दशमत पर नशे में पेशाब की थी, इस पर मुख्यमंत्री ने सख्ती दिखाते हुए कहा था कि आरोपी पर सख्त कार्रवाई क जाए। आरोपी को ऐसी सजा दें कि वह मिसाल बने। उसके बाद आरोपी पर एससी एसटी एक्ट सहित एनएसए की धाराएं लगाई गईं, उसे जेल में बंद कर दिया गया है। आरोपी का घर बुल्डोजर से तोड़ा गया है। इसके बाद मुख्यमंत्री ने पीड़ित दशमत और उसके परिवार से मिलने की इच्छा जताई थी। इसके बाद गुरूवार को पीड़ित आदिवासी युवक और उसका परिवार गुरुवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलने सीएम हाउस पहुंचा था।