विधानसभा चुनावों के बाद यह पहली बार होगा जब उद्धव और मोदी एक दूसरे से मिलेंगे। चुनाव के बाद से दोनों की पार्टियों के बीच समीकरण बदल चुके हैं। शिवसेना-भाजपा के बीच 30 साल की दोस्ती टूट चुकी है। हालांकि, चुनाव प्रचार के आखिरी दिन पीएम ने आदित्य ठाकरे के लिए वर्ली इलाके में एक जनसभा भी की थी। ऐसे में दोनों नेताओं के बीच गर्मजोशी देखने लायक होगी।
शिवसेना ने एनसीपी और कांग्रेस की मदद से बनाई सरकार
भाजपा से अलग होकर शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर राज्य में सरकार बनाई है और समय-समय पर केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते रहते हैं।
उद्धव और मोदी के बीच हमेशा से रिश्ते रहे हैं मधुर
पीएम नरेंद्र मोदी और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के बीच कई साल तक रिश्ते काफी मधुर रहे हैं। पिछले साल चुनावों से पहले जब पीएम पुणे आए थे तो उद्धव मुंबई से यहां उन्हें रिसीव करने पहुंचे थे। दोनों दलों के बीच जब सरकार बनाने को लेकर विवाद चल रहा था, तब भी यह माना जाता था कि पीएम मोदी इस मुद्दे को उद्धव ठाकरे से बात करके सुलझा लेंगे। हालांकि, ऐसा नहीं हुआ।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की कुल 288 सीटों में से बीजेपी ने 105 सीटों पर जीत दर्ज की थी। शिवसेना दूसरे नंबर पर रही। उसने 56 सीटों पर जीत दर्ज की। शरद पवार की पार्टी एनसीपी तीसरे नंबर पर रही। एनसीपी ने कुल 54 सीटों पर जीत दर्ज करने में कामयाबी हासिल की। कांग्रेस के खाते में 44 सीटें गई थीं।