नई दिल्ली:
राजस्थान में रेतीले तूफान से घिरी कांग्रेस में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच लड़ाई तेज हो गई है. सूत्रों ने बताया कि बीजेपी इस खेल को अपने पक्ष में भुनाने की कोशिश में है. कांग्रेस के दो शीर्ष नेताओं के बीच का झगड़ा तख्तापलट के लिए मजबूत आधार बन सकता है.
यह भी पढ़ें
बीजेपी के सूत्रों ने एनडीटीवी से कहा है कि वे इंतजार करना चाहते हैं और देखते हैं कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा कल सुबह बुलाई गई कांग्रेस विधायकों की बैठक में क्या होता है. एक सूत्र ने कहा कि “भाजपा का अगला बड़ा कदम उस बैठक में अनुपस्थित लोगों के आधार पर होगा.”
कांग्रेस के तीन विधायक सचिन पायलट के प्रति निष्ठावान दिखे. उन्होंने कहा कि वे अब भी कांग्रेस के सिपाही हैं.
बीजेपी ने अपना गुणा-भाग कर लिया है. 200 सदस्यीय राजस्थान विधानसभा में बीजेपी के 76 विधायक हैं और सरकार बनाने के लिए पार्टी को कम से कम 25 और विधायकों के समर्थन की आवश्यकता होगी. लेकिन भाजपा 10 अतिरिक्त विधायकों को बफर के रूप में देख रही है.
सूत्र ने कहा, “अगर कांग्रेस के 30 से 35 विधायक सचिन पायलट को अपना समर्थन देते हैं, तो भाजपा राजस्थान के लिए अपने अगले एक्शन प्लान पर विचार करेगी.”
भाजपा ने राजस्थान के एक अनुभवी सांसद, भूपेंद्र यादव को घटनाक्रम की बारीकी से जांच करने का काम दिया है. मार्च में भाजपा के मध्य प्रदेश के मुख्य वास्तुकार, ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने पूर्व सहयोगी सचिन पायलट के साथ संपर्क बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं.
इससे पहले रविवार को ज्योतिरादित्य ने सचिन पायलट पर ट्वीट किया, “यह देखकर दुख हो रहा है कि मेरे पूर्व सहयोगी सचिन पायलट को भी राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा दरकिनार करके सताया जा रहा है. यह दर्शाता है कि कांग्रेस में प्रतिभा और क्षमता बहुत कम है.”
Source link