Monday, February 24, 2025
HomeBreaking Newsकोरोना इफेक्ट: छत्तीसगढ़ सरकार ने बजट में की 30 फीसदी कटौती

कोरोना इफेक्ट: छत्तीसगढ़ सरकार ने बजट में की 30 फीसदी कटौती

अब किश्तों में 70 फीसदी बजट ही खर्च कर पाएंगे विभाग

नए कार्य शुरु करने पर लगेगी रोक, प्रचलित कार्यों में भी गैरजरुरी खर्च में होगी कमी

मितव्ययता बढ़ाने विभागवार होगा मंथन

रायपुर. छत्तीसगढ़ सरकार ने कोविड-19 और लॉकडाउन से उपजी आर्थिक मंदी से निपटने की तैयारी शुरु कर दी है. राजस्व प्राप्तियों में कमी के कारण सरकारी व्यय की सीमा कम कर दी है.

राज्य सरकार ने विभागों को जारी बजट के 100 प्रतिशत के स्थान पर अब 70 प्रतिशत खर्च करने का निर्णय लिया है. सरकार ने खर्च की सीमा तिमाही तय कर की है. सरकार द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार विभागों के द्वारा पहली और दूसरी तिमाही में अब 10-10 फीसदी राशि ही खर्च की जा सकेगी. तीसरी तिमाही में 20 फीसदी और चौथी तिमाही में 30 फीसदी खर्च करने की ही अनुमति होगी. आपातकाल की स्थिति के लिए वित्त विभाग अलग से निर्णय लेगा. सरकार ने अनावश्यक खर्चों में कटौती और मितव्ययता बढ़ाने का भी निर्णय लिया है.

वित्त विभाग की ओर से जारी परिपत्र में निर्देशित किया गया है कि निर्माण विभागों सहित जिन विभागों के वर्ष 2020-21 के बजट (Budget) में पूंजीगत व्यय मद में व्यय के लिए जो प्रावधान किए गए हैं, उनमें से विभागों द्वारा कार्यों की अत्यावश्यकता के आधार पर प्राथमिकता तय की जाए.वित्त विभाग ने निर्देशित किया है कि निर्माण विभागों सहित जिन विभागों के वर्ष 2020-21 के बजट में पूंजीगत व्यय मद में व्यय के लिए जो प्रावधान किए गए उनमें से विभागों द्वारा कार्यों की अत्यावश्यकता के आधार पर प्राथमिकता तय की जाए.

निर्देशों में कहा गया है कि विभागों द्वारा यथासंभव पहले निर्माणाधीन कार्यों को पूर्ण करने को प्राथमिकता दी जाए और नवीन कार्यों के अतिआवश्यक होने की स्थिति में प्राथमिकता आधार पर उनको वित्तीय अधिकारों के प्रत्यायोजन के अनुसार स्वीकृति हेतु विचार किया जाए, वित्त विभाग की ओर से सभी विभागाध्यक्ष और बजट नियंत्रण अधिकारियों नए निर्णय से अवगत करा दिया गया है.

मितव्ययता की लगाम के लिए होगी बैठक

वित्त विभाग द्वारा कोविड-19 से उत्पन्न परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए बजट 2020-21 के लिए मितव्ययता पर चर्चा के लिए विभागवार समय-सारणी निर्धारित की गई है. चर्चा 15 मई से 02 जून तक अलग-अलग तिथियों में मंत्रालय महानदी भवन में होगी. समय-सारणी के अनुसार, 15 मई को दोपहर 12 बजे वित्त विभाग, 18 मई को स्कूल शिक्षा विभाग, 19 मई को पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, 20 मई को ऊर्जा विभाग, 22 मई को कृषि विभाग, 23 मई को लोक निर्माण विभाग, 26 मई को गृह विभाग और 27 मई को खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग से संबंधित बजट पर चर्चा की जाएगी. 27 मई को शाम 4 बजे नगरीय प्रशासन विभाग, 28 मई को दोपहर 12 बजे जल संसाधन विभाग और शाम 4 बजे आदिम जाति कल्याण विभाग, 29 मई को दोपहर 12 बजे महिला एवं बाल विकास विभाग और शाम 4 बजे वन विभाग, 30 मई को दोपहर 12 बजे राजस्व विभाग और शाम 4 बजे लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, एक जून को दोपहर 12 बजे समाज कल्याण विभाग और शाम 4 बजे उच्च शिक्षा विभाग और 02 जून को दोपहर 12 बजे तकनीकी शिक्षा विभाग के बजट पर चर्चा होगी.

सरकार के निर्णय से बढ़ी धड़कनें

वित्तीय स्थिति सुधारने और वित्तीय अनुशासन के तहत राज्य सरकार ने मितव्ययता का अंकुश लगाने का निर्णय लिया है. सरकार के निर्णय के बाद उन लोगों की धड़कनें बढ़ गई हैं जो निगम-मंडल सहित अन्य पदों पर नियुक्ति का सपना संजोए हुए थे. इनके दावेदारों के साथ ही उन लोगों की धड़कनें बढ़ गई हैं, जिन पर वित्तीय कटौती का असर पड़ेगा।

1 COMMENT

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

RECENT COMMENTS

casino online slot depo 10k bonus new member slot bet 100 slot jepang
slot depo 10k