संक्रमित संख्या बढ़ने से अब जाँच कि गति धीमी
पिछले 7 दिन मे मात्र 142 सेम्पल कि जाँच
धीरज चतुर्वेदी, छतरपुर।
छतरपुर जिले मे जैसे ही कोरोना सेम्पल जाँच का दायरा बढ़ना शुरू हुआ था तो संक्रमितों कि संख्या भी करीब 5 फीसदी के अनुपात से बढ़नी शुरू हो गई थी। पिछले सात दिन के सेम्पल जाँच के नंबर पर गौर करें तो एक बार फिर संक्रमितों कि खोज के लिये जाँच कि गति धीमी कर दी गई है। आकंड़े गवाह है कि पिछले सात दिन मे मात्र 142 लोगो के ही सेम्पल जाँच के लिये भेजे गये है।
चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि जितने सेम्पल कि जाँच होंगी, उतनी जल्दी ही कोरोना आपदा पर नियंत्रण करने मे सफलता मिलेगी। विशेषज्ञ चाहे जो सलाह दे रहे हो, पर लाज बचाने के लिये जाँच कि गति को धीमा करने कि रचना रची जा रही है। छतरपुर जिले मे इस तरह के आरोपों के आकंड़े गवाह बन रहे है। 11 जून से 17 जून के मध्य मात्र 142 लोगो के सेम्पल जाँच के लिये भेजे गये। जिसमे 7 सेम्पल मे संक्रमित होने कि पुष्टि हुई है।
जाँच ओर संक्रमित के यह नंबर फिर सबूत है कि छतरपुर जिले मे 5 फीसदी से कोरोना पॉजिटिव के मिलने कि सम्भावना है। ज्ञात हो कि 25 मई से 10 जून के बीच सेम्पल जाँच का दायरा बढ़ाते हुए 569 सेम्पल जाँच किये गये थे। जिसमे 32 सेम्पल मे संक्रमण होना मिला था। इसके पूर्व कोरोना काल कि शुरुआत से 25 मई तक मात्र 541 लोगो कि सेम्पल जाँच हुई थी तब जिले मे मात्र 9 लोगो मे संक्रमण पाया गया था।
साफ तौर पर संकेत है कि 25 मई से 10 जून के बीच जैसे ही सेम्पल अधिक लिये गये तो कोरोना संक्रमितों कि संख्या भी 5 प्रतिशत कि दर से तेजी से बढ़ने लगी। अब फिर सेम्पल जाँच का दायरा सीमित कर दिया गया है, तभी पिछले 7 दिनों मे मात्र 142 सेम्पल ही जाँच के लिये भेजे गये। जिसमे 7 कोरोना मरीज मिले है। महत्वपूर्ण है कि 17 जून तक 142 सेम्पल मे से 40 कि जाँच रिपोर्ट आना शेष थी। तो यह माना जाये कि छतरपुर जिले मे कम गति से जाँच होने पर भी मरीजों का संक्रमित होने के नंबर 7 फीसदी के करीब होते जा रहे है। क्या कारण है कि जाँच प्रक्रिया को धीमे कर दिया गया है। क्या आम जनता कि जान से अधिक कीमत लाज बचाने कि हो चुकी है?