Edited By Garima Singh | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated:
हम अपनी लगभग हर खबर में आपसे कहते हैं कि कोरोना को लेकर डरने की नहीं सतर्क रहने की जरूरत है। क्योंकि किसी भी आपदा से मजबूत बनकर ही निपटा जा सकता है। कोरोना का अपडेट वर्जन जिसे कोविड-19 का नाम दिया गया है, यह हम सभी के लिए एक नई बीमारी है। सेहत से जुड़ी एक ऐसी समस्या, जिसे लेकर लगातार हेल्थ एक्सपर्ट्स और सायंटिस्ट्स रिसर्च कर रहे हैं। ताकि इस आपदा के बारे में अधिक से अधिक जानकारी जुटाकर इसकी दवाई या वैक्सीन जल्दी बनाई जा सके…
लेकिन दो दिन पहले वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन में कोविड-19 की टेक्निकल लीड मारिया वैन की तरफ से कहा गया कि WHO को दुनिया के अलग-अलग देशों से कोरोना संबंधी जो रिपोर्ट्स मिल रही हैं, उनमें यह बात सामने आ रही है कि जो लोग कोरोना एसिंप्टोमेटिक होते हैं, उनके जरिए अन्य लोगों में यह संक्रमण नहीं फैल रहा है। ऐसे संक्रमण फैलने के केस अपवाद स्वरूप ही सामने आ रहे हैं। मारिया के इस बयान के बाद जब हर तरफ से सवाल उठने लगे तो डब्लू एच ओ की तरफ से एक ताजा बयान जारी किया गया। जिसमें कहा गया कि एसिंप्टोमेटिक लोगों से कोरोना संक्रमण अन्य लोगों में फैलने का प्रतिशत 6 से 41 पर्सेंट के बीच है।
Coronavirus New Updates: कफ सिरप लेने से बढ़ सकता है कोरोना संक्रमण
कोरोना संक्रमण का फैलना
मारिया की तरफ से कहा गया कि कोरोना से संक्रमित 6 से 41 प्रतिशत मरीज ऐसे हो सकते हैं, जिनमें इस बीमारी के लक्षण नजर ना आ रहे हों लेकिन उनके द्वारा यह बीमारी दूसरे लोगों में ट्रांसमिट हो रही हो। हालांकि अप्रैल के महीने में चीन की तरफ से ‘नेचर मेडिसिन’ जर्नल में प्रकाशित किया गया था कि 44 प्रतिशत लोगों में कोरोना का रोग एसिंप्टोमेटिक लोगों से फैला है।
Tips For Corona Protection: भारतीयों को कोरोना से बचाएंगी 7 जरूरी चीजें
आपके काम की बात
-कोरोना कैसे फैल रहा है और कितने प्रतिशत में फैल रहा है, इस पर अभी लंबी रिसर्च चल रही हैं। आपके और हमारे काम की बात यह है कि हमें पब्लिक गैदरिंग से बचना है। ऐसी कहीं भी भीड़ जमा नहीं करनी है और सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखना है।
-डब्लूएचओ के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर, डॉक्टर माइक रायन के अनुसार, जिन लोगों में कोरोना के लक्षण दिख रहे होते हैं, उनके जरिए दूसरे लोगों में यह संक्रमण उस स्थिति में अधिक फैलता है, जब वे खांसते और छीकते हैं। क्योंकि इससे कोरोना ड्रॉपलेट्स हवा में मिल जाते हैं और दूसरे व्यक्ति की सांस के साथ उसके शरीर में प्रवेश कर जाते हैं।
गोरे लोगों की तुलना में कोरोना से 4 गुना अधिक मर रहे हैं काले लोग
-जबकि एसिंप्टोमेटिक लोगों से कोरोना आमतौर पर तब फैलता है जब वे एक्सर्साइज, रनिंग, डांसिंग करते हैं या क्लब जैसी जगहों में जोर से चिल्लाते हैं। या फिर ऐसी कोई भी ऐक्टिविटी करते हैं, जिसमें गहरी सांस ली जाती हो और छोड़ी जाती हो। ऐसा करने से उनके मुंह से बाहर आए ड्रॉपलेट्स और एयरसोल आस-पास खड़े लोगों के शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। इससे वे लोग भी कोरोना संक्रमित हो जाते हैं।
कोरोना से बचने के लिए क्या करना चाहिए
आपको क्या करना है…
-आपको सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखना है। हाइजीन का ध्यान रखना है और बिना मास्क का उपयोग किए कहीं भी बाहर नहीं जाना है।
-बाहर अगर किसी भी चीज को हाथ लगाना पड़े तो उसके बाद हाथों को तुरंत सेनिटाइज करना है। इसके लिए हर समय एक सेनिटाइजर की पॉकेट बॉटल अपने साथ रखें।
-अगर कभी सेनिटाइजर साथ रखना भूल जाएं तो तुरंत पानी और साबुन से हाथ धुलने की व्यवस्था करें। यदि यह भी संभव ना हो तो जब तक हाथ ना धो लें, उन्हें चेहरे पर कहीं भी टच ना करें।
Source link