दिल्ली के आनंद विहार स्टेशन के लिए रवाना हुए दो रैक
बोर्ड ने दिए अफसरों को निर्देश , पुराने लीनेन और पर्दों की सफाई कर भेजे कोच, साथ ही आक्सीजन सिलेंडर और पीपीई भी भेजा
भोपाल। भोपाल की निशातपुरा कोच फैक्ट्री में बने आईसोलेशन कोच का इस्तेमाल अब दिल्ली के कोरोना मरीजों के लिए किया जाएगा। भोपाल से दिल्ली के आनंद विहार स्टेशन के लिए दो रैक भेज दिए गए हैं। इसके साथ ही पुराने लीनेन और पर्दों की सफाई भी की गई है।
कोरोना मरीजों की गंभीर स्थिति के लिए आक्सीजन सिलेंडर और पीपीई किट भी भेजी गई है। करीब 300 सौ ज्यादा मरीजों को आईसोलेशन कोच में क्वारेंटाइन किया जा सकेगा। 70 दिन बाद रेलवे द्वारा तैयार किए गए भोपाल में आईसोलेशन कोच को कोरोना मरीजों के लिए इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है।
133 कोच में करीब 40 से ज्यादा कोच की डिमांड दिल्ली डिवीजन से आई थी। जिसके बाद कोचिंग डिपो में खड़े आइसोलेशन कोच को आनंद विहार स्टेशन के लिए रवाना कर दिया गया है। जानकारी के अनुसार बीते दिनों दिल्ली सरकार ने नार्दन रेलवे से आईसोलेशन कोच की डिमांड की थी मगर डिमांड के मुताबिक रेलवे सप्लाई नहीं पा रहा था। जिसके चलते भोपाल में स्टैंड बाय में रखे गए आईसोलेशन कोच की डिमांड की गई।
सूत्रों ने बताया कि दिल्ली की ओर से कोच की डिमांड आने के बाद पश्चिम-मध्य रेलवे के पीसीएमई और पीसीएमडी के चर्चा के बाद यह फैसला लिया गया था कि भोपाल के आईसोलेशन कोच इस्तेमाल में लाए जा सकते हैं। क्योंकि जबलपुर में बनाए गए आईसोलेशन कोच को फिर से कन्वर्ट कर दिया गया था। जिसके बाद आनन-फानन में डीआरएम उदय बोरवणकर से चर्चा की गई। उन्होंने बताया कि भोपाल में कोच की डिमांड प्रशासन की ओर से नहीं की गई है। इसके साथ ही कोच को कन्वर्ट भी नहीं किया गया है।
अफसरों को मिले यह दिए निर्देश
2 रैक यानी 22 कोच दिल्ली भेजने के लिए कहा गया था। जिसके साथ कुछ एसी कोच भी भेजे गए हैं। दिल्ली डीआरएम ने आक्सीजन सिलेंडर, रेगुलेटर, लीनेन, पीपीई किट सहित अन्य सामग्रियों की मांग की थी। अफसरों को निर्देश दिए गए थे कि कोच कैसे और किस रूट से भेजा जाना है। इस संबंध में पूरी व्यवस्था की जिम्मेदारी सीनियर डीएमई को दी गई थी।
आईसोलेशन कोच में मरीजों को मिलेंगी यह सुविधाएं
- प्रत्येक कोच पर कम से कम 50 हजार रुपए खर्च हुए हैं।
- कोच के मिडिल बर्थ अलग किए गए।
- 220 वोल्ट एसी करंट की व्यवस्था की गई हैं।
- शौचालय में बाल्टी, शॉवर व नल लगाए गए हैं।
आईसोलेशन प्रोजेक्ट की कहानी
- 25 मार्च से आईसोलेशन कोच तैयार करने का निर्णय लिया गया।
- 10 अप्रेल तक जोन में 133 आईसोलेशन कोच भोपाल और जबलपुर में तैयार हो गए थे।
- 27 मई को आईसोलेशन कोच का इस्तेमाल नहीं होने से आदेश दिया गया कि फिर से कन्वर्ट कर पैसेंजर कोच में तब्दील कर दिया जाए।
- 6 जून को डीआरएम भोपाल ने कोच कन्वर्ट करने का
आदेश होल्ड कर दिया। - 15 जून को अब दिल्ली में आईसोलेशन कोच का इस्तेमाल होने जा रहा है।