हिमाचल के बाद अब एमपी में भी कोरोना के नाम पर भ्रष्टाचार बना मुद्दा
इंदौर में भी पीपीई किट खरीदी में कमीशनखोरी की हो रही है जांच
भोपाल। हिमाचल प्रदेश में कोरोना इलाज के लिए पीपीई किट खरीदी मामले में भ्रष्टाचार उजागर होने के बाद अब इसकी आंच मध्यप्रदेश में भी महसूस की जा रही है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने प्रदेश भाजपाध्यक्ष वीडी शर्मा को चुनौती दी है कि वे हिमाचल प्रदेश जैसा साहस मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनके परिवारजनों के भ्रष्टाचार पर दिखाएं।
दिग्विजय सिंह के इस हमले पर भाजपा के बड़े नेता तो चुप रहे, लेकिन उनको जवाब भाजपा के प्रदेश मीडिया इंचार्ज लोकेंद्र पाराशर ने दिया है। पाराशर ने ट्वीट कर कहा है कि आपके ( दिग्विजय) जैसा निर्लज्ज व्यक्ति नहीं देखा है। आपके ऊपर आपकी ही सरकार के मंत्री ने रेत और शराब माफिया होने का आरोप लगाया था, आपने क्या प्रायश्चित किया? शिवराज सिंह चौहान के कारण प्रदेशवासी कोरोना से बचे हैं। आप होते तो सिर्फ कोहराम होता। शिवराज सिंह चौहान की बेदाग छवि पर हमें गर्व है।
आप जैसा निर्लज्ज व्यक्ति नहीं देखा @digvijaya_28 जी!
— लोकेन्द्र पाराशर Lokendra parashar (@LokendraParasar) May 28, 2020
आपके ऊपर आप की ही सरकार के ही मंत्री ने रेत और शराब माफिया होने का आरोप लगाया,आपने क्या प्रायश्चित किया?
शिवराज जी के कारण प्रदेशवासी कोरोना से बचे।आप होते तो सिर्फ कोहराम होता।@ChouhanShivraj जी की बेदाग छवि पर हमें गर्व है https://t.co/ZijgMNbIHH
दरअसल कोरोना काल में देश में भ्रष्टाचार का पहला मामला हिमाचल प्रदेश में उजागर हुआ। जहां पीपीई किट की सरकारी खरीदी में घूसखोरी का एक ऑडियो वायरल होने के बाद भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल को इस्तीफा देना पड़ा है। बिंदल ने अपने इस्तीफे को नैतिकता के आधार पर बताया है। इस मामले में स्वास्थ्य निदेशक डॉ अजय गुप्ता को गिरफ्तार भी किया गया है।
मध्यप्रदेश में भी व्हिसल ब्लोअर डॉ आनंद राय ने इंदौर में भी पीपीई किट खरीदी में भ्रष्टाचार का ऐसा ही मामला उठाया है। इंदौर कलेक्टर ने चिकित्सा अधिकारी रहे डॉ हसानी को पीपीई किट सहित अन्य सामग्री की खरीदी मामले में हटा कर उनके खिलाफ जांच बिछाई है। डॉ आनंद राय ने पूछा है कि क्या सिर्फ पद से हटाने से काम चल जाएगा। तीन बार गबन के आरोपी को यूं बख्श देना उचित नहीं है। कोरोना जैसे संवेदनशील मामले में कमीशनखोरी की सख्त सजा मिलनी चाहिए।
दिग्विजय सिंह ने आनंद राय की मांग पर सहमति जताते हुए ट्वीट किया है कि वे उनकी बात से सहमत हैं, लेकिन शिवराज के राज में भ्रष्टाचार को शिष्टाचार माना जाता है। उनके भ्रष्टाचार पर कार्रवाई की उम्मीद भी नहीं करना चाहिए।
मैं सहमत हूँ। लेकिन शिवराज के राज में भ्रष्टाचार शिष्टाचार माना जाता है। उनसे भ्रष्टाचार पर कार्यवाही करने की उम्मीद भी नहीं करना चाहिए। https://t.co/M08bkqZjuV
— digvijaya singh (@digvijaya_28) May 28, 2020