नई दिल्ली: कोरोना वायरस (coronavirus) के खिलाफ जंग में भारत वैश्विक स्तर पर दुनिया के देशों के लिए मददगार बनकर उभरा है. संकट की इस घड़ी में इसने अमेरिका, ब्राजील, इजरायल समेत कई मुल्कों को मलेरिया रोधी दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन भेजी है. हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन को कोविड-19 के इलाज में कारगर माना जा रहा है. इस कारण देश भारत और खासतौर पर पीएम नरेंद्र मोदी के प्रति अपना आभार प्रकट कर रहे हैं. इसी कड़ी में अमेरिका और ब्राजील के बाद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी पीएम मोदी का आभार प्रकट किया. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि भारत इस घातक वायरस के खिलाफ मुहिम में अपने दोस्तों का साथ देने के लिए तैयार है. हम सब मिलकर इस महामारी के खिलाफ लड़ रहे हैं. इसके लिए भारत अपने मित्रों की यथासंभव मदद करने को तैयार है. हम इजरायल के लोगों की बेहतरी और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हैं.
इसी तरह ब्राजील के राष्ट्रपति ने भी पीएम मोदी के प्रति आभार प्रकट किया था. उसका जवाब देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि इस कठिन समय में भारत- ब्राजील संबंध पहले की तुलना में अधिक मजबूत हुए हैं. भारत इस महामारी के खिलाफ जंग में अपना योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध है.ब्राजील के राष्ट्रपति बॉल्सनारो ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भेजी गई दवाइयों की तुलना संजीवनी बूटी से की थी.
भारत ने इजराइल को भी भेजा हाइड्रोक्लोरोक्वइन, नेतन्याहू ने पीएम मोदी के लिए कही ये बात
गौरतलब है कि इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने मलेरिया रोधी दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन समेत पांच टन सामग्री भिजवाने के लिए भारत के अपने समकक्ष नरेंद्र मोदी का आभार जताया. नेतन्याहू ने ट्वीट कर कहा, ‘‘इजराइल को क्लोरोक्वीन भेजने के लिए शुक्रिया, मेरे प्रिय मित्र नरेंद्र मोदी. इजराइल के सभी नागरिक आपका धन्यवाद अदा करते हैं.’’
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भारत और इजरायल की दोस्ती
गौरतलब है कि एक विमान कोरोना वायरस मरीजों के इलाज के लिए दवाइयां बनाने में इस्तेमाल होने वाली सामग्री लेकर भारत से मंगलवार को इजराइल पहुंचा था जिसके बाद इजराइली प्रधानमंत्री ने गुरुवार को भारत का आभार जताया. पांच टन इस माल में क्लोरोक्वीन और हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा बनाने की सामग्री भी शामिल है. इस दवा को अब दुनियाभर में कोविड-19 के मरीजों के संभावित इलाज के विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है.
इस जानलेवा संक्रामक रोग ने इजराइल में करीब 10,000 लोगों को अपनी चपेट में ले लिया और 86 लोगों ने जान गंवा दी. 121 अन्य लोग गंभीर हालत में वेंटीलेटर्स पर हैं.
नेतन्याहू ने मोदी से तीन अप्रैल को फोन पर बातचीत में हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन का निर्यात करने का अनुरोध किया था जिसके कुछ ही दिनों में भारत ने इजराइल को इसकी आपूर्ति कर दी. भारत इस दवाई का दुनिया में सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक है. हालांकि, भारत को अपनी घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए दवा का निर्यात सीमित करना पड़ा था.
कोरोना वायरस फैलने के बाद से ही नेतन्याहू, मोदी के संपर्क में रहे हैं. उन्होंने 13 मार्च को विशेष अनुरोध कर भारतीय प्रधानमंत्री को इजराइल को मास्क तथा दवाइयों के निर्यात को मंजूरी देने के लिए कहा था. इजराइली नेता ने कोरोना वायरस संकट से निपटने के लिए विभिन्न कदमों पर चर्चा करने के लिए दूसरी बार तीन अप्रैल को मोदी से बात की.
गौरतलब है कि कई देश कोरोना वायरस के लक्षणों की इलाज के लिए हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के साथ प्रयोग कर रहे हैं. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में भारत से इस दवा के निर्यात का अनुरोध किया था. हालांकि, विशेषज्ञों ने इस दवा के गंभीर प्रतिकूल प्रभावों को लेकर भी आगाह किया है.
इससे पहले ट्रंप ने मलेरिया रोधी दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन का अमेरिका को निर्यात करने की मंजूरी देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘‘शानदार’’ शख्स बताते हुए कहा था कि ऐसे मुश्किल वक्त में भारत की मदद को ‘‘भुलाया नहीं जाएगा.’’