- कोरोना वायरस के अटैक से चीन की हालत खराब
- यह बीमारी चीन की अर्थव्यवस्था पर भारी पड़ रही है
- जनवरी में चीन की खाद्य महंगाई 20 फीसदी के पार
कोरोना वायरस का अटैक चीन की अर्थव्यवस्था पर भारी पड़ रहा है. खतरनाक कोरोना वायरस के प्रकोप और नए साल में भारी मांग की वजह से चीन में महंगाई दर 8 साल से अधिक के ऊपरी स्तर पर पहुंच गई. यही नहीं, जनवरी में खाद्य वस्तुओं की खुदरा महंगाई दर 20.6 फीसदी पर पहुंच गई है.
सोमवार को जारी चीन के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक चीन में खुदरा महंगाई दर जनवरी में 5.4 फीसदी रही, जो दिसंबर 4.5 फीसदी थी. खुदरा महंगाई की यह दर अक्टूबर 2011 के बाद सबसे ज्यादा है, जब यह दर 5.5 फीसदी पर थी. इसके पहले ब्लूमबर्ग के सर्वे में महंगाई की दर 4.9 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया था, लेकिन महंगाई इससे भी ज्यादा रही.
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क्यों बढ़ी महंगाई
न्यूज एजेंसी एएफपी के मुताबिक, चीन के नेशनल ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स ने कहा कि महंगाई दर चंद्र नव वर्ष के कारण ही नहीं, बल्कि कोरोना वायरस के कारण भी बढ़ी. विश्लेषकों के मुताबिक कोरोना वायरस की रोकथाम की कोशिशों के कारण महंगाई की दर इतनी बढ़ी है.
और बढ़ेगी महंगाई!
जानकारों का कहना है कि परिवहन व्यवस्था प्रभावित होने और बंदी के अन्य कदमों से कुछ खाद्य वस्तुएं बड़े शहरों में पहुंचने से पहले सड़ सकती हैं. ऐसी वस्तुओं में खास तौर से फल, सब्जी और पशुओं के चारे शामिल हैं. इस प्रकार की स्थिति में लोग खाद्य वस्तुओं की जमाखोरी भी करने लगते हैं. इसके कारण भी महंगाई बढ़ती है.
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जानकारों का कहना है कि नव वर्ष की छुट्टी के बाद महंगाई आम तौर पर कम हो जाती है, लेकिन इस साल यह इसके बाद भी उच्च स्तर पर बनी रह सकती है, क्योंकि आपूर्ति श्रृंखला चरमरा गई है. जनवरी में पोर्क सालाना आधार पर 116 फीसदी महंगा हो गया. पोर्क और ताजी सब्जियों की कीमतों की ऊंची कीमतों की वजह से महंगाई दर बढ़ी है. इस दौरान फैक्ट्री रेट पर वस्तुओं की महंगाई दर जनवरी में 0.1 फीसदी तक बढ़ी है.