पटना:
बिहार सरकार सभी प्रवासियों को टिकट के अलावा उनको पांच सौ रुपये भी देगी. सीएम नीतीश कुमार ने यह घोषणा की है. दरअसल कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने ऐलान कर दिया कि उनकी पार्टी प्रवासी मजदूरों के किराए का खर्च वहन करेगी और इसके थोड़ी देर बाद ही आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने ऐलान कर दिया कि उनकी पार्टी भी 50 ट्रेनों का किराया देने का ऐलान करती है. दरअसल इसके पीछे प्रवासियों को लाने के लिए चलाई जा रही स्पेशल श्रमिक ट्रेन का किराया है. जिसको लेकर मतभेद शुरू हो गए हैं. रेलवे विभाग का कहना है कि वह प्रत्येक यात्री का 85 फीसदी किराया वहन कर रहा है और बाकी 15 फीसदी राज्य सरकारों का देना चाहिए. इस पर कई विपक्ष के नेताओं का कहना है कि राज्यों पर भार डालना ठीक नहीं है. वहीं कई प्रदेश सरकारों ने 15 फीसदी किराया देने पर अभी तक कुछ नहीं बोला है. इसका नतीजा यह हुआ कि प्रवासियों को अपना पैसा खर्च करके आना पड़ा.
विपक्ष का कहना है कि जब लोगों के पास बीते कई महीने से कोई काम नहीं है और उनके पास रोजमर्रा की चीजें खरीदने के पैसे नही हैं तो फिर ऐसे में लोग किराया कहां से दे पाएंगे. वहीं केंद्र सरकार से जुड़े सूत्रों का कहना है कि रेलवे पहले से ही 85 फीसदी का किराया वहन कर रहा है. ऐसे में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को चाहिए कि वह अपनी प्रदेश सरकारों से कहें कि वह 15 फीसदी किराया वहन करें जैसा कि मध्य प्रदेश में सरकार ने किया है.
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